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पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बढ़ता तनाव: क्या होगी शांति की राह?

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हालिया तनाव ने एक बार फिर से दोनों देशों के रिश्तों को चुनौती दी है। गुरुवार रात हुई गोलीबारी ने युद्धविराम समझौते को तोड़ दिया, जबकि दोनों पक्ष इस्तांबुल में तालिबान से जुड़ी वार्ताओं में शामिल थे। अफगान सैन्य सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान ने नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाया है। इस बीच, अमेरिका के ड्रोन के उपयोग पर एक समझौते की पुष्टि हुई है। क्या ये घटनाएँ शांति की राह में बाधा बनेंगी? जानें पूरी कहानी में।
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पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बढ़ता तनाव: क्या होगी शांति की राह?

पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर तनाव की नई लहर


पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर से उभर आया है। हालिया रिपोर्टों के अनुसार, गुरुवार की रात पाकिस्तान ने अफगानिस्तान की सीमा के भीतर गोलीबारी की, जिससे युद्धविराम समझौता टूट गया। यह घटना तब हुई जब दोनों देशों के प्रतिनिधि इस्तांबुल में तालिबान से संबंधित वार्ताओं को फिर से शुरू करने के लिए एकत्रित थे।


पाकिस्तानी बलों द्वारा हथियारों का प्रयोग

अफगान सैन्य सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तानी बलों ने हल्के और भारी हथियारों का उपयोग किया और नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाया। सूत्रों ने यह भी कहा कि हमने अब तक कोई जवाबी कार्रवाई नहीं की है, क्योंकि इस्तांबुल में बातचीत जारी है और हम उसका सम्मान करना चाहते हैं।


अमेरिकी ड्रोन के उपयोग पर समझौता

हाल ही में, अफगान और कूटनीतिक सूत्रों के हवाले से यह जानकारी मिली है कि पाकिस्तान ने अमेरिकी ड्रोन के उपयोग की अनुमति देने वाले एक समझौते की पुष्टि की है। यह जानकारी तुर्की में आयोजित पिछली पाकिस्तान-अफगानिस्तान शांति वार्ता के दौरान सामने आई थी।


शांति वार्ता का संयुक्त बयान

तुर्की के विदेश मंत्रालय ने उन वार्ताओं के बाद एक संयुक्त बयान जारी किया, जिसमें दोनों पक्षों के बीच युद्धविराम की पुष्टि की गई थी। बयान में कहा गया कि सभी पक्ष युद्धविराम को बनाए रखने पर सहमत हुए हैं और शांति सुनिश्चित करने के लिए एक निगरानी और सत्यापन तंत्र लागू किया जाएगा, जो उल्लंघन करने वाले पक्ष पर दंड लगाएगा।


पाकिस्तान और अफगान तालिबान के बीच वार्ता

हालांकि, 11 से 15 अक्टूबर के बीच हुई झड़पों के बाद, पाकिस्तान और अफगान तालिबान के बीच दो चरणों में वार्ता हुई। पहले दोहा में और फिर इस्तांबुल में, लेकिन अब तक कोई ठोस समझौता नहीं हो सका है। ये वार्ताएं कई हफ्तों की राजनयिक कोशिशों का परिणाम हैं, जो हाल के सीमा संघर्षों के बाद शुरू हुईं। पिछले महीने के हमलों ने पाकिस्तान-अफगानिस्तान संबंधों को 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से सबसे निचले स्तर पर पहुंचा दिया है।


तनाव की शुरुआत

तनाव की शुरुआत 11 अक्टूबर की रात को हुई, जब अफगान सीमा के भीतर से पाकिस्तानी ठिकानों पर आतंकियों ने हमला किया। इसके बाद तालिबान ने आरोप लगाया कि पाकिस्तान ने अफगान क्षेत्र में हवाई हमले किए, हालांकि इस्लामाबाद ने न तो इस दावे की पुष्टि की और न ही खंडन किया।