पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बढ़ता तनाव: क्रिकेटरों की मौत से खेल जगत में शोक

पाकिस्तान-अफगानिस्तान संघर्ष की पृष्ठभूमि
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हालिया संघर्ष: पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा पर लगातार सैन्य झड़पें हो रही हैं। यह विवाद तब शुरू हुआ जब पाकिस्तान ने अफगानिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के ठिकानों पर हवाई हमले किए। 8 अक्टूबर को शुरू हुए इस संघर्ष के बाद, बुधवार को संघर्ष विराम की घोषणा की गई थी। हालांकि, यह शांति लंबे समय तक नहीं टिक सकी, क्योंकि शुक्रवार रात पाकिस्तान ने एक बार फिर अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत पर हवाई हमले किए। इन हमलों में कई रिहायशी क्षेत्रों को निशाना बनाया गया, जिससे कई निर्दोष नागरिकों और युवा क्रिकेटरों की जान गई।
खेल जगत में शोक की लहर
तीन अफगान क्रिकेटरों की हत्या: पाकिस्तान के हवाई हमलों में तीन स्थानीय अफगान क्रिकेटरों की जान चली गई, जबकि चार अन्य घायल हुए। मारे गए खिलाड़ियों की पहचान कबीर, सिबगतुल्लाह और हारून के रूप में हुई है। ये खिलाड़ी पक्तिका प्रांत की राजधानी शराना में एक स्थानीय क्रिकेट टूर्नामेंट में भाग लेने के बाद अपने घर लौट रहे थे, तभी उन पर हमला हुआ। इस हमले में पांच अन्य नागरिकों की भी मौत हुई है, जिसने अफगानिस्तान के खेल समुदाय को गहरे सदमे में डाल दिया है।
अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड का कड़ा कदम
कड़े निर्णय का ऐलान: इस दुखद घटना के बाद, अफगानिस्तान क्रिकेट बोर्ड (ACB) ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाने का निर्णय लिया है। बोर्ड ने नवंबर में होने वाली टी20 ट्राई सीरीज, जिसमें पाकिस्तान और श्रीलंका शामिल थे, से अपनी भागीदारी रद्द करने का ऐलान किया है। एसीबी ने मारे गए खिलाड़ियों को अफगान क्रिकेट के स्थानीय नायक बताते हुए उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की। बोर्ड ने कहा कि खेल के मैदान के युवा सितारों की हत्या अस्वीकार्य है और इस घटना ने पूरे देश को झकझोर दिया है।
खिलाड़ियों का आक्रोश
क्रिकेटरों की प्रतिक्रिया: अफगानिस्तान के तेज गेंदबाज फजलहक फारूकी ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर लिखा, “इन अत्याचारों में निर्दोष नागरिकों और हमारे क्रिकेट खिलाड़ियों की हत्या एक जघन्य अपराध है। अल्लाह शहीदों को जन्नत में सर्वोच्च स्थान दे और अपराधियों को दंडित करे। क्रिकेटरों और नागरिकों की हत्या किसी सम्मान की बात नहीं, बल्कि मानवता पर धब्बा है। अफगानिस्तान अमर रहे!”
राशिद खान का दुख: टीम के स्टार ऑलराउंडर राशिद खान ने गहरा दुख व्यक्त करते हुए कहा कि हाल के पाकिस्तानी हवाई हमलों ने महिलाओं, बच्चों और उन युवा खिलाड़ियों की जान ली, जो देश का नाम ऊंचा करने का सपना देख रहे थे। नागरिकों को निशाना बनाना अत्यंत अमानवीय और बर्बर है। मैं एसीबी के निर्णय का समर्थन करता हूं कि आगामी मैचों से हटें। इस कठिन समय में मैं अपने देशवासियों के साथ खड़ा हूं। हमारी राष्ट्रीय गरिमा सर्वोपरि है।
भू-राजनीतिक तनाव की बढ़ती खाई
राजनीतिक अविश्वास का संकेत: यह संघर्ष केवल सीमित सैन्य झड़प नहीं है, बल्कि दोनों देशों के बीच बढ़ते राजनीतिक अविश्वास का प्रतीक है। पाकिस्तान लंबे समय से अफगानिस्तान पर आरोप लगाता आया है कि वह टीटीपी आतंकियों को शरण दे रहा है, जबकि काबुल इन दावों को खारिज करता रहा है। हालिया हवाई हमलों ने न केवल सीमाई तनाव को फिर भड़का दिया, बल्कि दोनों देशों के खेल और सांस्कृतिक संबंधों पर भी गहरी चोट पहुंचाई है।