पाकिस्तान और इज़राइल के बीच बढ़ते संपर्क: क्या बदलाव आ रहा है?
पाकिस्तान और इज़राइल के बीच तनाव
पाकिस्तान और इज़राइल के बीच का तनाव विश्व स्तर पर जाना जाता है। पाकिस्तान की इज़राइल के प्रति नफरत इस हद तक है कि वह अपने पासपोर्ट पर इज़राइलियों के लिए विशेष निर्देश जारी करता है। इसका मुख्य कारण हमास और मध्य पूर्व में चल रहे संघर्ष हैं। इज़राइल, जो एक छोटा सा देश है, अपनी शक्ति के बल पर कई विरोधियों को चुनौती देता है। हालाँकि, हाल के दिनों में दोनों देशों के बीच कुछ सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहे हैं।
हाल ही में, लंदन में विश्व यात्रा बाजार मेले के दौरान इज़राइली पर्यटन महानिदेशक माइकल इज़ाकोव और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री के पर्यटन सलाहकार सरदार यासिर इलियास खान के बीच एक संक्षिप्त मुलाकात हुई।
पाकिस्तान का विदेश कार्यालय
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने शुक्रवार को पुष्टि की कि लंदन में हुई इस मुलाकात को सरकार ने अधिकृत नहीं किया था।
विदेश कार्यालय के प्रवक्ता ताहिर अंदराबी ने कहा कि इस मुलाकात के बारे में सरकार को कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई थी। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि ऐसी कोई मुलाकात हुई है, तो वह बिना अनुमति के हुई थी।
सोशल मीडिया पर चर्चा
इस घटना ने तब ध्यान आकर्षित किया जब सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें खान को विश्व यात्रा बाजार के दौरान इज़राइली पर्यटन मंत्रालय के महानिदेशक के साथ बातचीत करते हुए देखा गया।
अंदराबी ने कहा कि इस मुलाकात को पाकिस्तान के अब्राहम समझौते में शामिल होने से जोड़ना गलत है।
खान का बयान
खान ने स्पष्ट किया कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि वह किसी इज़राइली प्रतिनिधिमंडल से मिल रहे हैं। उन्होंने अपने खर्च पर WTM में भाग लिया और पाकिस्तान को एक वैश्विक पर्यटन स्थल के रूप में प्रस्तुत करने के लिए 31 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया।
खान ने जोर देकर कहा कि इस अप्रत्याशित मुलाकात के बावजूद, उनका ध्यान पाकिस्तान के लिए सकारात्मक पर्यटन कथा को बढ़ावा देने पर केंद्रित रहा।
पाकिस्तान का दीर्घकालिक रुख
विदेश कार्यालय ने पाकिस्तान के दीर्घकालिक रुख को दोहराया है, जिसमें 1967 से पहले की सीमाओं वाले एक स्वतंत्र फ़िलिस्तीनी राज्य की स्थापना और पूर्वी यरुशलम को उसकी राजधानी बनाने की बात शामिल है।
हाल ही में, पाकिस्तानी नेताओं और अमेरिकी राष्ट्रपति के बीच उच्च-स्तरीय बातचीत के बाद, यह अटकलें लगाई जा रही हैं कि क्या पाकिस्तान अब्राहम समझौते में शामिल हो सकता है। हालांकि, पाकिस्तानी अधिकारियों ने लगातार ऐसे सुझावों को खारिज किया है।
