Newzfatafatlogo

पाकिस्तान का दोहरा चेहरा: गाज़ा में सैनिक भेजने की योजना

पाकिस्तान ने गाज़ा में सैनिक भेजने की योजना बनाई है, जो उसके दोहरे चेहरे को उजागर करती है। यह कदम अमेरिका की अगुवाई में एक अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल के गठन के तहत उठाया जा रहा है। पाकिस्तान हमेशा से फिलिस्तीन का समर्थक रहा है, लेकिन अब उसकी सरकार इजराइल और अमेरिका के साथ मिलकर नई फोर्स में शामिल होने की इच्छा रखती है। इस निर्णय से पाकिस्तान की जनता में असंतोष बढ़ सकता है, जो कट्टरता के चलते हिंसक विरोध का रूप ले सकता है।
 | 
पाकिस्तान का दोहरा चेहरा: गाज़ा में सैनिक भेजने की योजना

पाकिस्तान का दोहरा चेहरा

पाकिस्तान का दोहरा चेहरा एक बार फिर उजागर हुआ है। यह वही पाकिस्तान है, जो खुद को गाज़ा का समर्थक बताता है। हाल ही में, उसने मुस्लिम ब्रदरहुड को धोखा देते हुए एक नई योजना बनाई है। गाज़ा में इजरायली हमलों के बाद स्थिरता लाने के लिए अमेरिका की अगुवाई में एक अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल का गठन किया जा रहा है। इस योजना के तहत, पाकिस्तान भी गाज़ा में सैनिक भेजने की इच्छा रखता है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रूबियो ने बताया कि पाकिस्तान ने इस प्रस्तावित बल का हिस्सा बनने की पेशकश की है।


सैनिकों की संख्या और पाकिस्तान की भूमिका

हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि कब और कितने सैनिक भेजे जाएंगे, लेकिन पाकिस्तान 3500 सैनिक गाज़ा भेजने की योजना बना रहा है। पाकिस्तान हमेशा से फिलिस्तीन के समर्थन में रहा है और हमास के नेताओं की हत्या पर इजराइल की आलोचना करता रहा है। पाकिस्तान की जनता भी फिलिस्तीन के प्रति सहानुभूति रखती है, और कई बार हमास का समर्थन करती है। ऐसे में, सेना भेजने की बात से जनता में असंतोष बढ़ सकता है।


पाकिस्तान की कट्टरता और संभावित विरोध

पाकिस्तान में मौजूद कट्टरता को देखते हुए, इस निर्णय का भारी विरोध भी हो सकता है। पाकिस्तान ने इजराइल को कभी मान्यता नहीं दी है और हमास को आतंकवादी संगठन नहीं माना है। पारंपरिक रूप से, पाकिस्तान ने हमेशा फिलिस्तीन का समर्थन किया है। लेकिन अब, मुनीर के इशारे पर चल रही शहबाज शरीफ की सरकार ने इजराइल और अमेरिका के साथ मिलकर नई फोर्स बनाने के प्रस्ताव में भाग लेने की इच्छा जताई है।