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पाकिस्तान की गोलाबारी से अफगान शांति वार्ता पर संकट

इस्तांबुल में अफगान तालिबान और पाकिस्तानी अधिकारियों के बीच चल रही शांति वार्ता के दौरान पाकिस्तान द्वारा की गई गोलाबारी ने स्थिति को गंभीर बना दिया है। अफगान सेना ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान ने नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाया है, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ गया है। इस घटना ने शांति प्रयासों को खतरे में डाल दिया है और तालिबान ने चेतावनी दी है कि वे जवाबी कार्रवाई कर सकते हैं।
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पाकिस्तान की गोलाबारी से अफगान शांति वार्ता पर संकट

पाकिस्तान की गोलाबारी से बिगड़े हालात


इस्तांबुल में अफगान तालिबान और पाकिस्तानी अधिकारियों के बीच शांति वार्ता चल रही थी, लेकिन सीमा पर हुई गोलाबारी ने स्थिति को और बिगाड़ दिया। अफगान सेना ने आरोप लगाया है कि पाकिस्तान ने संघर्षविराम समझौते का उल्लंघन करते हुए नागरिक क्षेत्रों को निशाना बनाया।


पाकिस्तान ने तोड़ा युद्धविराम

अफगान सैन्य सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान ने गुरुवार रात को अफगान सीमा पर गोलाबारी की। सूत्रों ने बताया कि उन्होंने हल्के और भारी हथियारों से नागरिक इलाकों को निशाना बनाया। जानकारी के अनुसार, अफगान ने अभी तक जवाबी कार्रवाई नहीं की है, क्योंकि वार्ता इस्तांबुल में जारी है। यह संघर्ष उस समय हुआ जब सीमा पर निगरानी व्यवस्था को लेकर सहमति बनी थी।


इस्तांबुल में शांति वार्ता पर संकट

इस्तांबुल में अफगान तालिबान और पाकिस्तानी प्रतिनिधियों के बीच चल रही बैठक का उद्देश्य सीमा विवाद को सुलझाना था। तुर्की के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि दोनों पक्षों ने युद्धविराम जारी रखने और उल्लंघन की स्थिति में दंडात्मक कार्रवाई की व्यवस्था पर सहमति दी थी। लेकिन पाकिस्तान की गोलाबारी ने इस समझौते को सवालों के घेरे में डाल दिया है।


पुराने तनाव की वापसी

11 से 15 अक्टूबर के बीच हुई झड़पों के बाद दोनों देशों के रिश्ते बेहद खराब हो गए थे। उस समय पाकिस्तान ने अफगान क्षेत्र में हवाई हमले किए थे, जिसका तालिबान ने कड़ा विरोध किया था। अब जब बातचीत की प्रक्रिया शुरू हुई थी, पाकिस्तान की यह कार्रवाई पुराने घावों को फिर हरा कर रही है।


ड्रोन समझौते से बढ़ी अविश्वसनीयता

एक रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान ने हाल ही में अमेरिका के साथ अपने क्षेत्र में ड्रोन उपयोग की अनुमति स्वीकार की थी। यह खुलासा पिछली तुर्की बैठक के दौरान हुआ था। इस वजह से अफगान पक्ष पहले ही पाकिस्तान पर शक जता चुका था। अब गोलाबारी की यह घटना उस अविश्वास को और बढ़ा रही है।


तालिबान की चेतावनी

तालिबान सरकार ने अपनी चेतावनी दोहराते हुए कहा है कि वह अपने क्षेत्र का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ नहीं होने देगी, लेकिन पाकिस्तान को भी अपनी सीमाओं का सम्मान करना चाहिए। काबुल ने चेतावनी दी है कि अगर ऐसे हमले जारी रहे, तो अफगानिस्तान मजबूर होकर जवाब देगा।