पाकिस्तान की राजनीति में हलचल: मौलाना फजलुर रहमान ने सेना प्रमुख की नीतियों पर उठाए सवाल
मौलाना फजलुर रहमान का विवादास्पद बयान
पाकिस्तान की राजनीतिक परिदृश्य में एक प्रमुख हस्ताक्षर, जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (फजल) के अध्यक्ष मौलाना फजलुर रहमान ने सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर से एक ऐसा सवाल किया है, जिसने राजनीतिक हलचल पैदा कर दी है। उन्होंने सार्वजनिक मंच पर सेना की नीतियों पर गंभीर सवाल उठाए।
कराची में आयोजित सम्मेलन में मौलाना का भाषण
मौलाना फजलुर रहमान ने रविवार, 21 दिसंबर को कराची के ल्यारी में 'तहफ्फुज दीनिया मदारीस कान्फ्रेंस' में मुख्य वक्ता के रूप में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर अपनी राय व्यक्त की। उन्होंने न केवल सेना की विदेश नीति की आलोचना की, बल्कि नए चुनाव कराने की भी मांग की।
सेना की नीतियों पर उठाए गए सवाल
फजलुर रहमान ने सेना की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि ये नीतियां पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संबंधों को खराब कर रही हैं। उन्होंने मौजूदा सरकार को वोट रिगिंग से बनी सरकार बताते हुए नए आम चुनाव कराने की मांग की।
काबुल पर कार्रवाई को लेकर तीखी टिप्पणी
उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान काबुल पर बमबारी करता है, तो यह इस्लामाबाद पर हमले के समान होगा। उन्होंने पाकिस्तानी सेना से सवाल किया कि तालिबान इस तरह की कार्रवाई को कैसे स्वीकार करेगा।
भारत की कार्रवाई को सही ठहराया
फजलुर रहमान ने भारत द्वारा ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मुरीदके और बहावलपुर में आतंकी ठिकानों पर की गई कार्रवाई को सही ठहराया। उन्होंने पाकिस्तान सेना से सवाल किया कि अगर पाकिस्तान अपने दुश्मनों के ठिकानों पर हमले को जायज ठहराता है, तो भारत भी ऐसा कर सकता है।
ऑपरेशन सिंदूर का संदर्भ
ज्ञात हो कि भारतीय सेना ने 7 मई 2025 को ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की थी, जो 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के जवाब में की गई थी। इस अभियान में भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना ने मिलकर पाकिस्तान और पाकिस्तान-नियंत्रित कश्मीर में कई आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए थे।
