पाकिस्तान के नागरिकों की डिपोर्टेशन की alarming स्थिति: 52,000 लोग वापस लौटे
पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय शर्मिंदगी
पाकिस्तान को एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शर्मिंदगी का सामना करना पड़ा है। पिछले 11 महीनों में लगभग 40 देशों ने 52,000 पाकिस्तानी नागरिकों को डिपोर्ट किया है। इनमें से अधिकांश लोग भीख मांगते हुए पाए गए। सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात ने सबसे अधिक संख्या में पाकिस्तानियों को वापस भेजा है। इसके अलावा, कतर, बहरीन, ओमान और कुवैत जैसे देशों ने भी गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल होने के आरोप में पाकिस्तानी नागरिकों को डिपोर्ट किया है।
हर दिन कितने पाकिस्तानी हो रहे हैं डिपोर्ट?
न्यूज़ पाकिस्तान के पत्रकार जाहिद गिशकोरी ने X पर जानकारी दी कि हर दिन औसतन 155 पाकिस्तानी विभिन्न देशों से डिपोर्ट किए जा रहे हैं। फेडरल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी के अनुसार, इस वर्ष 11 महीनों में कुल 52,000 पाकिस्तानी नागरिकों को विदेशों से वापस भेजा गया, जिनमें से लगभग 34,000 नागरिक भीख मांगते हुए पकड़े गए।
सऊदी अरब, जो पाकिस्तान का पारंपरिक मित्र है, वहां से 24,000 पाकिस्तानी नागरिकों को निकाला गया। जाहिद गिशकोरी के अनुसार, ये लोग ज्यादातर भीख मांगने की गतिविधियों में संलिप्त थे। इसी तरह, संयुक्त अरब अमीरात के दुबई, अबू धाबी और अन्य अमीरातों से 6,000 से अधिक पाकिस्तानी नागरिकों को डिपोर्ट किया गया। अन्य देशों से भी पाकिस्तानियों के लौटने की खबरें चिंताजनक हैं।
जाहिद गिशकोरी की रिपोर्ट
لگ بھگ 56000 ہزار پاکستانی بھیک مانگنے کے الزام میں چالیس ممالک سے ڈپورٹ ہوئے ہیں، تفصیلات جانئیے 👇 pic.twitter.com/tLabTqTnlo
— Zahid Gishkori (@ZahidGishkori) December 17, 2025
जाहिद ने बताया कि कुछ पाकिस्तानी विजिट वीजा पर विदेश गए और वहां लंबे समय तक रह गए। इसके अलावा, कम से कम 21,000 पाकिस्तानी नागरिकों ने शरण लेने के लिए आवेदन किया। पिछले पांच वर्षों में, मध्य पूर्व और अन्य मित्र देशों जैसे ओमान, बहरीन, सऊदी अरब, कतर और संयुक्त अरब अमीरात ने लगभग 54,000 पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजा, जिनमें से अधिकांश भीख मांगने और गैरकानूनी कामों में शामिल पाए गए।
डायरेक्टर जनरल की टिप्पणी
एफआईए ने यह जानकारी संसद में भी प्रस्तुत की है। डायरेक्टर जनरल ने इसे संसदीय समिति के सामने रखा और बताया कि कुछ पाकिस्तानी नागरिक अफ्रीकी देशों जैसे इथियोपिया, जॉम्बिया और जिम्बॉब्वे में भी जा रहे हैं, जहां उन्हें वापस भेजा जा रहा है। इसके साथ ही, मानव तस्करी के मामलों में भी पाकिस्तानी नागरिकों का नाम सामने आया है, जैसे जापान भेजने के लिए नकली फुटबॉल क्लब का निर्माण करना। ये घटनाएं पाकिस्तान के लिए गंभीर चेतावनी का संकेत हैं।
