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पाकिस्तान के बलूचिस्तान में BLF के हमले: 10 सैनिकों की मौत का दावा

पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (BLF) ने एक बार फिर से हिंसा की घटनाओं को अंजाम दिया है। संगठन ने दावा किया है कि उनके हमलों में 10 पाकिस्तानी सैनिक मारे गए हैं। झाओ, बरखान, तुंप और तुरबत में हुए इन हमलों के पीछे सेना की मौजूदगी को निशाना बनाना बताया गया है। बीएलएफ ने स्वतंत्र बलूचिस्तान की मांग को लेकर संघर्ष जारी रखने की प्रतिबद्धता जताई है। जानें इस घटनाक्रम के बारे में और अधिक जानकारी।
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पाकिस्तान के बलूचिस्तान में BLF के हमले: 10 सैनिकों की मौत का दावा

पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हिंसा की नई लहर


नई दिल्ली: पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत से एक बार फिर से हिंसा की गंभीर खबरें आई हैं। बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट (BLF) ने यह दावा किया है कि उनके लड़ाकों ने विभिन्न स्थानों पर किए गए हमलों में पाकिस्तानी सेना के 10 जवानों को मार डाला है। संगठन का कहना है कि ये हमले सेना की मौजूदगी को निशाना बनाकर किए गए थे।


बीएलएफ ने अपने बयान में कहा कि झाओ, बरखान, तुंप और तुरबत में एक के बाद एक हमले किए गए। यह जानकारी ऐसे समय में आई है जब एक दिन पहले अन्य बलूच सशस्त्र समूहों ने भी सुरक्षा बलों पर हमलों की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें कई सैनिकों के मारे जाने का उल्लेख किया गया था।


झाओ में सैन्य काफिले पर घातक हमला

बीएलएफ के प्रवक्ता मेजर गोहरम बलोच के अनुसार, 28 दिसंबर को दोपहर लगभग 1 बजे अवारान जिले के झाओ क्षेत्र में पाकिस्तानी सेना के काफिले पर घात लगाकर हमला किया गया। उन्होंने बताया कि इस हमले में सेना की पैदल गश्ती टुकड़ी, बम निरोधक दस्ता और एक पिकअप वाहन एक ही स्थान पर मौजूद थे।


बलूचिस्तान पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, इस हमले में आठ सैनिक मौके पर ही मारे गए, जबकि तीन अन्य गंभीर रूप से घायल हुए।


बख्तरबंद वाहन पीछे हटा, शव मौके पर छूटे

बीएलएफ ने आगे कहा कि काफिले की सुरक्षा के लिए तैनात एक बख्तरबंद वाहन हमले के दौरान पीछे हट गया, जिससे मारे गए और घायल सैनिक घटनास्थल पर ही रह गए।


बरखान में सैन्य शिविर पर रॉकेट हमला

बीएलएफ के अनुसार, उसी रात दूसरा हमला बरखान जिले के राखनी के पास स्राती-टिक इलाके में स्थित एक सैन्य शिविर पर किया गया। इस दौरान लड़ाकों ने रॉकेट-चालित ग्रेनेड समेत भारी हथियारों का इस्तेमाल किया।


बयान में कहा गया कि शिविर के अंदर आरपीजी के गोले गिरने से दो सैन्यकर्मियों की मौत हो गई, जबकि एक अन्य घायल हुआ।


तुंप और तुरबत में भी हमले

संगठन ने यह भी दावा किया कि 28 दिसंबर को तुंप के गोमाजी इलाके में सुरक्षा बलों की एक चौकी पर कई गोले दागे गए, जिससे वहां तैनात सैनिकों को नुकसान पहुंचा।


इसके अलावा, बीएलएफ ने 27 दिसंबर की रात करीब 8:20 बजे मध्य तुरबत में एक नौसेना शिविर के मुख्य प्रवेश द्वार पर हथगोले से हमले का भी दावा किया है। बयान के अनुसार, गेट पर तैनात कर्मियों को इस हमले में नुकसान हुआ, जिसके बाद इलाके में सुरक्षा गश्त बढ़ा दी गई।


'स्वतंत्र बलूचिस्तान' तक संघर्ष जारी रखने का दावा

बलूचिस्तान पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, बीएलएफ ने अपने बयान में कहा है कि वह “स्वतंत्र बलूचिस्तान की प्राप्ति तक” सशस्त्र हमले जारी रखने के लिए प्रतिबद्ध है।