पाकिस्तान के बलूचिस्तान में सेना की हार: क्या है असली सच?

पाकिस्तान की सेना का संकट
Pakistan Army in Balochistan: पाकिस्तान का बलूचिस्तान क्षेत्र एक बार फिर से सेना के लिए गंभीर संकट का कारण बन गया है। स्थिति इतनी खराब हो चुकी है कि पाकिस्तानी सैनिकों को कई स्थानों से पीछे हटना पड़ा है। बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) और अन्य सशस्त्र विद्रोही समूहों ने यहां अपने झंडे फहराए हैं। विद्रोहियों द्वारा साझा किए गए कई वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से फैल रहे हैं, जिनमें पाकिस्तानी चौकियों और मोबाइल टावरों पर बलूचिस्तान का झंडा लहराता हुआ दिखाई दे रहा है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि कुछ वीडियो में पाकिस्तानी सैनिक अपने कैंप छोड़ते और भागते हुए नजर आ रहे हैं।
पाकिस्तानी सेना की वापसी का वायरल वीडियो
बलूचिस्तान के जहारी कस्बे से पाकिस्तानी सैनिकों की वापसी का एक वीडियो बलूच प्रतिनिधि, लेखक और मानवाधिकार कार्यकर्ता मीर यार बलूच ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर साझा किया। उन्होंने कई ऐसे क्लिप पोस्ट किए हैं जिनमें पाकिस्तानी चौकियों और मोबाइल टावरों पर बलूचिस्तान का झंडा साफ दिखाई दे रहा है। मीर यार बलूच ने अपने पोस्ट में लिखा- पाकिस्तान की 'लंबर' 1 फौज अपनी पतलून बलूचिस्तान में छोड़ कर भाग रहा है। यह पाकिस्तान के जहारी कस्बे में पाकिस्तानी सेना के आत्मसमर्पण और हार का एक और वीडियो सबूत है। बलूच शांतिप्रिय लोग हैं, वे नहीं चाहते कि पड़ोसी देश पाकिस्तान हिंसा के जरिए बलूचिस्तान को अस्थिर करे।
Pakistan Ki Lumber 1 Fauj Apni Patloon Balochistan Main Chod Kar Bhag Raha Hai.💪✌️❤️💙💚
— Mir Yar Baloch (@miryar_baloch) September 4, 2025
This is another video proof of Pakistan army's surrender and defeat in #RepublicOfBalochistan's town of #Zahri.
Baloch are peace loving people, they don't want neighboring country of… https://t.co/6iQvfy56nE pic.twitter.com/NWOvX8fW2n
बलूचिस्तान में सेना की बदनाम छवि
बलूचिस्तान लंबे समय से पाकिस्तानी सेना के दमन का शिकार रहा है। मानवाधिकार संगठनों का आरोप है कि इस सूबे में हजारों लोगों को जबरन गायब किया गया, जिनकी लाश तक परिवारों को नहीं दी गई। लगभग हर घर का कोई न कोई सदस्य सैन्य अभियान का शिकार हुआ है। अब जब लोग सड़कों पर उतरकर पाकिस्तान के खिलाफ विरोध जता रहे हैं, तो सेना के पांव उखड़ते नजर आ रहे हैं।
बलूचिस्तान तेल, गैस और अन्य खनिजों से समृद्ध क्षेत्र है। यही वह जगह है जहां चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) का ग्वादर पोर्ट स्थित है। चीन ने यहां बड़े पैमाने पर निवेश किया है, जबकि पाकिस्तान ने अमेरिका को भी इन संसाधनों से लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया है। यह सूबा ईरान से सटा होने के कारण पाकिस्तान के लिए मध्य एशिया और यूरोप तक पहुंच का महत्वपूर्ण मार्ग भी है।