पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का अफ़गानों को लौटने का आदेश

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच बढ़ता तनाव
पाकिस्तान-अफगानिस्तान संघर्ष: काबुल और इस्लामाबाद के बीच बढ़ती तनावपूर्ण स्थिति के बीच, पाकिस्तानी रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने शुक्रवार को सभी अफगानों से अपने देश लौटने का आग्रह किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनके देश के साथ पुराने संबंध अब समाप्त हो चुके हैं। आसिफ ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान की भूमि और संसाधन 25 करोड़ पाकिस्तानी नागरिकों के हैं, न कि अफगानों के।
आसिफ ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि पाकिस्तान में रह रहे सभी अफगानों को अफगानिस्तान लौटना चाहिए, क्योंकि अब काबुल में उनकी अपनी सरकार और शासन है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की भूमि और संसाधन केवल पाकिस्तानियों के लिए हैं। यह बयान तब आया है जब दोनों देशों के बीच 48 घंटे का युद्धविराम समाप्त हो गया है।
युद्धविराम का विस्तार और दोहा में संभावित समाधान
युद्धविराम बढ़ा, दोहा में समाधान की उम्मीद!
रिपोर्टों के अनुसार, युद्धविराम को बढ़ा दिया गया है और दोनों पक्षों के बीच दोहा में बातचीत की संभावना है। हालांकि, तालिबान ने इस्लामाबाद पर अफगानिस्तान के पक्तिका प्रांत में हवाई हमले करने का आरोप लगाया है और दावा किया है कि युद्धविराम का उल्लंघन हुआ है।
आसिफ ने अपने पोस्ट में कहा कि पाकिस्तान अब काबुल के साथ पहले जैसे संबंध नहीं रख सकता। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने कई वर्षों तक धैर्य रखा, लेकिन काबुल से कोई सकारात्मक प्रतिक्रिया नहीं मिली। उन्होंने बताया कि इस्लामाबाद ने सीमा पार आतंकवादी घटनाओं पर 836 विरोध पत्र और 13 डेमार्श भेजे हैं। अब कोई और विरोध पत्र या शांति की अपील नहीं होगी, और कोई प्रतिनिधिमंडल काबुल नहीं जाएगा।
तालिबान पर साजिश का आरोप
तालिबान पर टीटीपी के साथ मिलकर पाकिस्तान के खिलाफ साजिश रचने का आरोप
आसिफ ने तालिबान सरकार पर भारत के प्रतिनिधि के रूप में कार्य करने और नई दिल्ली तथा प्रतिबंधित तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के साथ मिलकर पाकिस्तान के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि काबुल के शासक, जो अब भारत के साथ हैं, पाकिस्तान के खिलाफ साजिश कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान अपनी रक्षा के लिए तत्पर है और सीमा पार से किसी भी आक्रमण का कड़ा जवाब दिया जाएगा।