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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने भारत पर अफगानिस्तान को नियंत्रित करने का आरोप लगाया

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने भारत पर अफगानिस्तान को नियंत्रित करने का आरोप लगाया है। उन्होंने चेतावनी दी है कि पाकिस्तान पर किसी भी हमले का जवाब 50 गुना ताकत से दिया जाएगा। आसिफ ने शांति वार्ता की विफलता और काबुल की लीडरशिप पर भारत के दबाव का भी जिक्र किया। इस वार्ता का कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला, जिससे तनाव बढ़ गया है। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है।
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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने भारत पर अफगानिस्तान को नियंत्रित करने का आरोप लगाया

पाकिस्तान की कड़ी चेतावनी

नई दिल्ली: पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने काबुल को दिल्ली का कठपुतला बताते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अफगानिस्तान भारत के इशारे पर कार्य कर रहा है। आसिफ ने चेतावनी दी है कि पाकिस्तान पर किसी भी प्रकार के हमले का जवाब 50 गुना अधिक ताकत से दिया जाएगा। उनके अनुसार, काबुल में बैठे लोग केवल भारत के आदेशों का पालन कर रहे हैं। आसिफ का कहना है कि भारत पाकिस्तान के खिलाफ बदला लेने के लिए अफगानिस्तान का उपयोग कर रहा है।


शांति वार्ता में विफलता

आसिफ ने यह भी बताया कि पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच शांति वार्ता असफल रही है, क्योंकि अफगान पक्ष ने समझौते में कई बदलाव किए। उन्होंने आरोप लगाया कि जब भी बातचीत आगे बढ़ती है, काबुल बीच में आकर उसे रोक देता है। इसके अलावा, आसिफ ने काबुल की लीडरशिप पर भारत के दबाव में बातचीत को बाधित करने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि भारत पाकिस्तान के साथ कम स्तर का टकराव बनाए रखना चाहता है।


बातचीत का कोई परिणाम नहीं

यह ध्यान देने योग्य है कि 25 अक्टूबर को शुरू हुई शांति वार्ता 27 अक्टूबर तक चली, लेकिन इसका कोई सकारात्मक परिणाम नहीं निकला। इस बातचीत का मुख्य फोकस पाकिस्तान की मांग थी, जिसमें तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) जैसे आतंकवादी समूहों के खिलाफ ठोस कार्रवाई की बात की गई थी। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से इन समूहों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की मांग की, लेकिन दोनों पक्ष इस पर सहमत नहीं हो सके।


आसिफ की कड़ी चेतावनी

आसिफ ने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान अफगानिस्तान की तरफ से किसी भी हमले को बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने कहा कि अगर इस्लामाबाद पर अफगानिस्तान ने हमला किया, तो उसकी गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान के अंदर आतंकवाद के लिए काबुल ही जिम्मेदार है।

आसिफ ने पहले भी चेतावनी दी थी कि शांति वार्ता की विफलता से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच युद्ध हो सकता है। इससे तनाव बढ़ गया है और झड़पों में कई लोगों की जानें गई हैं। हालांकि, 19 अक्टूबर को कतर और तुर्की की मध्यस्थता से एक सीजफायर पर सहमति बनी थी, जिससे कुछ समय के लिए क्षेत्र में शांति आई थी।