पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर की अमेरिका यात्रा: गाजा स्थिरीकरण बल पर चर्चा
नई दिल्ली में आसिम मुनीर की संभावित यात्रा
नई दिल्ली: पाकिस्तान के सेना प्रमुख फील्ड मार्शल आसिम मुनीर एक महत्वपूर्ण राजनीतिक स्थिति के बीच अमेरिका की यात्रा की योजना बना रहे हैं। अगले सप्ताह वे वाशिंगटन में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने जा सकते हैं, जहां गाजा स्थिरीकरण बल पर चर्चा होने की संभावना है।
गाजा के लिए सैनिक योगदान की मांग
अमेरिका पाकिस्तान से आग्रह कर रहा है कि वह गाजा के लिए प्रस्तावित स्थिरीकरण बल में सैनिक भेजे। यह बल ट्रंप की 20-बिंदु योजना का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य गाजा पट्टी में हिंसा के बाद पुनर्निर्माण और सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
हालांकि, इस प्रस्ताव को लागू करना पाकिस्तान के लिए सरल नहीं होगा। कई विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तानी सैनिकों को इस मिशन में भेजने से देश में व्यापक विरोध और सामाजिक अशांति उत्पन्न हो सकती है, क्योंकि वहां की जनता फिलिस्तीन के प्रति सहानुभूति रखती है और अमेरिका के कदमों के खिलाफ नाराजगी व्यक्त करती है।
ट्रंप का दबाव और पाकिस्तान की स्थिति
पाकिस्तान और अमेरिका के बीच सेना और कूटनीति में विश्वास की कमी रही है। फिर भी, मुनीर ने ट्रंप के साथ अपने संबंधों को मजबूत किया है। हाल ही में ट्रंप ने मुनीर को व्हाइट हाउस में आमंत्रित किया, जो एक असाधारण सम्मान था। यह निकटता ट्रंप की रणनीति का हिस्सा है, जिसमें वे पाकिस्तान की सैन्य क्षमता का लाभ उठाना चाहते हैं।
विश्लेषकों का मानना है कि यदि पाकिस्तान इस मिशन में भाग लेने से मना करता है, तो यह ट्रंप को निराश कर सकता है और अमेरिका-पाकिस्तान संबंधों में तनाव बढ़ा सकता है। फिर भी, पाकिस्तान यह सोच रहा है कि अमेरिकी निवेश और सुरक्षा सहायता प्राप्त करना कितना महत्वपूर्ण है।
पाकिस्तानी जनता की प्रतिक्रिया
पाकिस्तान में इस्लामिस्ट समूहों और राजनीतिक दलों ने पहले ही इस प्रस्ताव के खिलाफ अपनी चिंताओं को व्यक्त किया है। माना जा रहा है कि यदि पाकिस्तानी सैनिकों को गाजा में तैनात किया जाता है, तो यह भारी विरोध और संभावित हिंसा को जन्म दे सकता है।
पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा है कि शांति मिशन में सैनिक भेजना संभव है, लेकिन हमास को समाप्त करना या निष्क्रिय करना पाकिस्तान का कार्य नहीं है।
गाजा स्थिरीकरण बल का उद्देश्य
गाजा स्थिरीकरण बल एक अंतरराष्ट्रीय पहल है, जिसे ट्रंप प्रशासन ने प्रस्तावित किया है। इसका उद्देश्य गाजा पट्टी में दो वर्षों से चल रहे युद्ध और तबाही के बाद सुरक्षा, पुनर्निर्माण और सामाजिक व्यवस्था को बहाल करना है। इसमें मुस्लिम देशों की भागीदारी भी होगी, लेकिन कई देशों की राय विभाजित है, क्योंकि इससे उन्हें स्थानीय संघर्ष में शामिल होने का खतरा हो सकता है।
