पाकिस्तान ने अफगानिस्तान के साथ शांति वार्ता जारी रखने की इच्छा जताई
पाकिस्तान की शांति वार्ता की प्रतिबद्धता
नई दिल्ली: पाकिस्तान ने रविवार को यह स्पष्ट किया कि वह अफगानिस्तान के साथ बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए तैयार है, भले ही काबुल से युद्ध की चेतावनी मिलने के कारण शांति वार्ता में रुकावट आई हो। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, तुर्की के विदेश मंत्री, रक्षा मंत्री और खुफिया प्रमुख इस सप्ताह पाकिस्तान का दौरा करेंगे ताकि अफगानिस्तान के साथ शांति समझौते की स्थिति पर चर्चा की जा सके।
तीसरे दौर की वार्ता का समापन
पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने पहली बार स्वीकार किया कि तीसरे दौर की वार्ता शुक्रवार को समाप्त हो गई। मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पाकिस्तान सभी विवादों का समाधान बातचीत के माध्यम से करना चाहता है, लेकिन उसकी सबसे बड़ी चिंता अफगानिस्तान से फैल रहे आतंकवाद को रोकना है।
इस्तांबुल में हुई मुलाकात
हाल ही में, दोनों देशों के प्रतिनिधियों की मुलाकात इस्तांबुल में हुई थी, जिसका उद्देश्य 19 अक्टूबर को कतर में हुए युद्धविराम समझौते को मजबूत करना था। इस वार्ता से पहले सीमा पर हुई गोलीबारी में कई लोगों की मौत हुई थी, जिससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया था।
तुर्की की मध्यस्थता
तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैयप एर्दोगन ने कहा कि उनका देश इस्लामाबाद और काबुल के बीच स्थायी शांति और युद्धविराम स्थापित करने की कोशिश कर रहा है। उन्होंने बताया कि तुर्की, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच होने वाली आगामी बैठक का मुख्य उद्देश्य क्षेत्र में स्थिरता लाना है।
तालिबान का आरोप और अफगान सरकार की प्रतिक्रिया
तालिबान सरकार ने पाकिस्तान पर शांति वार्ता को विफल करने का आरोप लगाया और कहा कि पाकिस्तान की मांगें अनुचित थीं। अफगान सरकार के प्रवक्ता ज़बीउल्लाह मुजाहिद ने कहा कि अफगानिस्तान युद्ध नहीं चाहता, लेकिन यदि लड़ाई होती है, तो उसे अपनी रक्षा का अधिकार है। उन्होंने यह भी कहा कि अफगानिस्तान किसी को भी अपने क्षेत्र का उपयोग किसी अन्य देश के खिलाफ करने की अनुमति नहीं देगा।
पाकिस्तान का आरोप है कि अफगानिस्तान तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) जैसे आतंकी समूहों को शरण देता है, जो पाकिस्तान में हमले करते हैं। हालांकि, अफगान तालिबान इन आरोपों को खारिज करता है। दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव के बावजूद, तुर्की और क़तर जैसे देश इन पड़ोसियों के बीच संवाद और शांति बहाली के लिए मध्यस्थता कर रहे हैं।
