पाकिस्तान ने अफगानिस्तान को दुश्मन घोषित किया, रक्षा मंत्री का बयान

पाकिस्तान का नया रुख
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा मुहम्मद आसिफ ने अफगानिस्तान को अपने देश का प्रमुख दुश्मन मानते हुए एक महत्वपूर्ण बयान दिया है। उन्होंने नेशनल असेंबली में एक तीखे भाषण के दौरान अफगान नागरिकों के बड़े पैमाने पर निर्वासन को सही ठहराया। मंत्री का यह बयान इस धारणा पर आधारित है कि पाकिस्तान ने दशकों तक अफगान शरणार्थियों का स्वागत किया, लेकिन अब उन्हें विश्वासघात का सामना करना पड़ रहा है।
आसिफ ने आरोप लगाया कि अफगान नागरिक पाकिस्तान में व्यापार कर रहे हैं और यहां तक कि अफगानिस्तान में शासन भी कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि तालिबान के तत्व अपनी पत्नियों को पाकिस्तान में रखकर और तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) जैसे आतंकवादी समूहों को शरण देकर पाकिस्तान के साथ विश्वासघात कर रहे हैं।
वफ़ादारी का मुद्दा
आसिफ की मुख्य चिंता वफ़ादारी के मुद्दे पर केंद्रित है। उनका कहना है कि अफगान निवासी, जो पाकिस्तान में बड़े व्यवसाय स्थापित कर रहे हैं और पाकिस्तानी आतिथ्य का लाभ उठा रहे हैं, वे पाकिस्तान ज़िंदाबाद का नारा नहीं लगाते। उन्होंने यह भी बताया कि शरणार्थियों की बड़ी संख्या, जिनमें से कई बिना दस्तावेज़ के हैं, सीमा पार आतंकवादी हमलों में वृद्धि से जुड़ी हुई है। यह स्थिति अगस्त 2021 में तालिबान के सत्ता में आने के बाद से और भी गंभीर हो गई है।
यह बयान हाल ही में डूरंड रेखा पर हुए कथित हवाई हमलों और गोलीबारी की घटनाओं के संदर्भ में भी आया है। पाकिस्तान ने नई दिल्ली में तालिबान के विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी के "गर्मजोशी भरे स्वागत" को तालिबान पर "रणनीतिक नियंत्रण" के नुकसान के रूप में देखा है।
निर्वासन अभियान का संदर्भ
यह सख्त रुख पाकिस्तान के विवादास्पद निर्वासन अभियान के लिए एक राजनीतिक और भावनात्मक संदर्भ प्रदान करता है, जो अक्टूबर 2023 में शुरू हुआ था। सरकार ने कहा है कि कानूनी दस्तावेजों के बिना सभी विदेशी नागरिकों का निष्कासन राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है, जो बढ़ते उग्रवाद का प्रतिकूल प्रभाव है।