पाकिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ प्रदर्शन, स्थिति तनावपूर्ण

पाकिस्तान में बढ़ती अराजकता
पाकिस्तान में आतंकवादियों के समर्थन के चलते हालात बेहद गंभीर हो गए हैं। लाहौर से आई तस्वीरें इस बात की गवाही दे रही हैं कि स्थिति कितनी तनावपूर्ण हो चुकी है। इस्लामाबाद, जो कि पाकिस्तान की राजधानी है, अब अराजकता के कगार पर पहुँच चुकी है। सुरक्षा बलों ने राजधानी की ओर जाने वाली मुख्य सड़कों पर कंटेनरों से बैरिकेड्स लगा दिए हैं और मोबाइल इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं।
इस्लामिक कट्टरपंथी समूह तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के लाखों समर्थक गाजा में हुई हत्याओं के खिलाफ इस्लामाबाद स्थित अमेरिकी दूतावास की ओर मार्च निकालने का प्रयास कर रहे थे। लाहौर में पुलिस ने इस मार्च को रोकने की कोशिश की, जिसके परिणामस्वरूप टीएलपी कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच हिंसक झड़पें हुईं। इस संघर्ष में कई लोग घायल हुए और दो प्रदर्शनकारियों की जान चली गई।
टीएलपी का आह्वान और सुरक्षा उपाय
टीएलपी ने इस्लामाबाद में अपने अंतिम आह्वान मार्च की घोषणा की है, जहाँ लाखों प्रदर्शनकारी अमेरिकी दूतावास के निकट डेरा डाले हुए हैं। इस्लामाबाद का रेड ज़ोन अब एक किले में तब्दील हो चुका है और कई होटलों को खाली कराया गया है। यह सुरक्षा उपाय लाहौर में हुई हिंसक घटनाओं के बाद उठाए गए हैं, जहाँ टीएलपी ने दावा किया था कि उसके दो सदस्य मारे गए। हालांकि, कराची स्थित एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, पुलिस ने केवल एक मौत की पुष्टि की है।
अमेरिकी दूतावास की चेतावनी
इस्लामाबाद, लाहौर, कराची और पेशावर में स्थित अमेरिकी वाणिज्य दूतावासों ने अपने नागरिकों को सुरक्षा संबंधी सलाह जारी की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि वे पाकिस्तान में चल रहे विरोध प्रदर्शनों के कारण बड़ी भीड़ से दूर रहें और अपने आस-पास के माहौल के प्रति सतर्क रहें।