पाकिस्तान में ऐतिहासिक संवैधानिक संशोधन: जनरल मुनीर बने चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज
पाकिस्तान की संसद में बड़ा संवैधानिक बदलाव
पाकिस्तान की संसद ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण संवैधानिक संशोधन पारित किया है, जिसके तहत जनरल आसिम मुनीर को तीनों सेनाओं का चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज (CDF) नियुक्त किया गया है। इस संशोधन में पाकिस्तान के संविधान के 48 अनुच्छेदों में एक साथ बदलाव किया गया है।
नेशनल असेंबली ने इस बिल को 234 मतों के साथ पारित किया, जबकि केवल चार सांसदों ने इसका विरोध किया। इससे पहले, सीनेट ने इसे दो दिन पहले ही मंजूरी दी थी। राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के हस्ताक्षर के बाद यह संशोधन कानून का रूप ले लेगा। नए संशोधन के अनुसार, जनरल मुनीर को 27 नवंबर 2025 से परमाणु हथियारों की कमान भी सौंपी जाएगी। वे अपने कार्यकाल के बाद भी इस पद पर बने रहेंगे और उन्हें आजीवन कानूनी सुरक्षा प्राप्त होगी।
इस संशोधन के खिलाफ इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) और अन्य विपक्षी दलों ने संसद में बिल की प्रतियां फाड़कर विरोध जताया। विपक्ष का आरोप है कि यह कदम लोकतंत्र पर सेना के नियंत्रण को दर्शाता है। संशोधन के तहत पाकिस्तान में एक नई संस्था, नेशनल स्ट्रैटेजिक कमांड (NSC), का गठन किया जाएगा, जो देश के परमाणु हथियारों और मिसाइल सिस्टम की निगरानी करेगी।
पहले यह जिम्मेदारी प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली नेशनल कमांड अथॉरिटी (NCA) के पास थी, लेकिन अब यह सीधे सेना प्रमुख के अधीन होगी। इसके अलावा, न्यायपालिका की शक्तियों में भी कमी की गई है। अब संवैधानिक मामलों की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट के बजाय नई गठित फेडरल कांस्टीट्यूशनल कोर्ट में होगी, जिसके जजों की नियुक्ति सरकार द्वारा की जाएगी।
यह संवैधानिक संशोधन उस समय आया है जब पाकिस्तान में नागरिक सरकार और सेना के बीच सत्ता संघर्ष चल रहा है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बदलाव का पाकिस्तान के लोकतंत्र और न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर गहरा प्रभाव पड़ेगा।
