पाकिस्तान में टीएलपी के विरोध: धार्मिक दलों का अल्टीमेटम

पाकिस्तान में टीएलपी के विरोध
पाकिस्तान में टीएलपी के विरोध: पाकिस्तान में एक नई अशांति की लहर उभरने की संभावना है। तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के नेतृत्व में कई प्रमुख धार्मिक संगठनों ने संघीय और पंजाब सरकारों को एक अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने मुरीदके नरसंहार के लिए न्याय की मांग की है। अहल-ए-सुन्नाह पाकिस्तान के बैनर तले काम कर रहे गठबंधन ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो देशभर में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन और धरने होंगे।
सूत्रों के अनुसार, गठबंधन की प्रारंभिक मांगों में सरकार के साथ तात्कालिक बातचीत, सभी हिरासत में लिए गए कार्यकर्ताओं की रिहाई, और पार्टी सदस्यों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेना शामिल है। नेताओं ने मुरीदके में हुई हत्याओं का बदला लेने की कसम खाई है, जहां हाल ही में पुलिस और अर्धसैनिक बलों के साथ झड़पों में कई टीएलपी समर्थकों की हत्या की गई थी।
'काला दिवस' की घोषणा
मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, बरेलवी संप्रदाय के गठबंधन ने शुक्रवार को 'काला दिवस' घोषित किया है, जिसमें कई समान विचारधारा वाले धार्मिक समूह शामिल हैं। जुम्मा नमाज के बाद, टीएलपी और उसके सहयोगियों ने देशभर में प्रदर्शनों का आह्वान किया है। गठबंधन ने दिन के अंत में अपनी भविष्य की रणनीति की घोषणा करने की योजना बनाई है, जिसमें कार्य योजना को अंतिम रूप देने के लिए 22 अक्टूबर को फैसलाबाद में एक बैठक निर्धारित की गई है।
विरोध प्रदर्शन का निर्देश
महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम: खैबर पख्तूनख्वा के नए राज्यपाल सुहैल खान ने टीएलपी के आंदोलन का खुलकर समर्थन किया है। प्रांत के मुख्यमंत्री ने पार्टी कार्यकर्ताओं को पंजाब और संघीय सरकार के खिलाफ एकजुटता रैलियां और विरोध प्रदर्शन करने का निर्देश दिया है।
समर्थन का निर्देश
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान: इमरान खान ने कथित तौर पर पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अधिकारियों और समर्थकों को टीएलपी के प्रदर्शनों का समर्थन करने का निर्देश दिया है, जिससे संकटग्रस्त सरकार पर दबाव बढ़ गया है।
धारा 144 का लागू होना
सुरक्षा के उपाय: हिंसा और सार्वजनिक अव्यवस्था की आशंकाओं के चलते, पंजाब सरकार ने पूरे प्रांत में शनिवार, 18 अक्टूबर तक धारा 144 लागू कर दी है। इस आदेश के तहत सभी प्रकार के समारोहों, रैलियों, धरना-प्रदर्शनों और जुलूसों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। पंजाब गृह विभाग ने 'आतंकवाद और सार्वजनिक व्यवस्था से जुड़ी चिंताओं' का हवाला देते हुए हथियारों के प्रदर्शन, लाउडस्पीकरों के इस्तेमाल और नफरत या सांप्रदायिक सामग्री के प्रसार पर भी रोक लगा दी है।
राजनीतिक गठबंधनों में बदलाव
अस्थिरता का सामना: धार्मिक दलों के एकजुट होने और राजनीतिक गठबंधनों में बदलाव के साथ, पाकिस्तान को एक अस्थिर सप्ताहांत का सामना करना पड़ रहा है, जिसमें उच्च तनाव, सड़कों पर विरोध प्रदर्शन और राज्य तथा शक्तिशाली धार्मिक समूहों के बीच बढ़ते मतभेद शामिल हैं।