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पाकिस्तान में टीटीपी का आतंक: जिन्ना और इकबाल की तस्वीरों पर जूते बरसाने का वीडियो वायरल

पाकिस्तान में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने हाल ही में जिन्ना और इकबाल की तस्वीरों पर जूते फेंककर एक विवादास्पद वीडियो जारी किया है। यह घटना खैबर पख्तूनख्वा के एक स्कूल में हुई, जहां टीटीपी के सदस्य पाकिस्तान और उसके नेताओं के खिलाफ गालियाँ देते हुए नजर आए। इस घटना ने पाकिस्तान में राजनीतिक हलकों में आक्रोश पैदा कर दिया है। टीटीपी की बढ़ती गतिविधियाँ पाकिस्तान के लिए एक गंभीर सुरक्षा चुनौती बन चुकी हैं। जानें इस घटना के पीछे की कहानी और टीटीपी के उद्देश्यों के बारे में।
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पाकिस्तान में टीटीपी का आतंक: जिन्ना और इकबाल की तस्वीरों पर जूते बरसाने का वीडियो वायरल

पाकिस्तान में टीटीपी का उग्र रुख


नई दिल्ली : पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादी समूह तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) ने हाल ही में एक बार फिर से अपने उग्र व्यवहार का प्रदर्शन किया है। इस बार उन्होंने देश के संस्थापक मोहम्मद अली जिन्ना और कवि अल्लामा इकबाल का अपमान किया। सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से फैल रहा है, जिसमें टीटीपी के सदस्य खैबर पख्तूनख्वा के एक स्कूल में जिन्ना की तस्वीर पर जूते फेंकते हुए दिखाई दे रहे हैं। वीडियो में यह भी स्पष्ट है कि आतंकवादी पश्तून भाषा में पाकिस्तान और उसके नेताओं को गालियाँ दे रहे हैं। यह घटना पाकिस्तान में तालिबानी प्रभाव के बढ़ने की गंभीर चेतावनी मानी जा रही है।


वीडियो में तालिबानी उन्माद

वीडियो में दिखा तालिबानी उन्माद
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में कई सशस्त्र लड़ाके स्कूल की दीवारों पर लगी तस्वीरों को निशाना बनाते हुए नजर आ रहे हैं। एक आतंकवादी पहले जिन्ना की तस्वीर पर जूते मारता है और फिर अल्लामा इकबाल की तस्वीर पर भी जूते फेंकता है। इस दौरान अन्य आतंकवादी पाकिस्तान विरोधी नारे लगाते हैं और इस्लामी शासन की मांग करते हैं। इस वीडियो के सामने आने के बाद पाकिस्तान में राजनीतिक हलकों में आक्रोश फैल गया है, क्योंकि जिन्ना और इकबाल को देश के संस्थापक और विचारक के रूप में अत्यधिक सम्मान दिया जाता है।


खैबर पख्तूनख्वा में टीटीपी का बढ़ता आतंक

खैबर पख्तूनख्वा में टीटीपी का बढ़ता आतंक
खैबर पख्तूनख्वा के सीमावर्ती क्षेत्रों में टीटीपी का प्रभाव लगातार बढ़ता जा रहा है। संगठन ने कई क्षेत्रों पर नियंत्रण स्थापित कर लिया है और वहां समानांतर शासन जैसी व्यवस्था चला रहा है। स्थानीय लोगों में टीटीपी का खौफ इतना बढ़ गया है कि पाकिस्तानी सेना भी इन इलाकों में कार्रवाई करने से हिचकती है। अफगानिस्तान से बढ़ते तनाव के बीच टीटीपी ने हाल के महीनों में अपने हमलों को और तेज कर दिया है और नए क्षेत्रों पर कब्जा करने की कोशिश कर रही है। माना जा रहा है कि यह वीडियो भी ऐसे ही किसी कब्जाए गए स्कूल में शूट किया गया है।


टीटीपी का परिचय और उद्देश्य

TTP कौन है और उसका उद्देश्य क्या है
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) की स्थापना 2007 में हुई थी। यह संगठन पाकिस्तान में कड़े इस्लामिक कानून (शरीयत) लागू करने की वकालत करता है और खुद को अफगान तालिबान का वैचारिक सहयोगी मानता है। हालांकि, टीटीपी का संचालन पाकिस्तान और अफगानिस्तान की सीमा तक सीमित है। इसका मुख्य उद्देश्य पाकिस्तानी शासन को अस्थिर करना और इस्लामी शासन की स्थापना करना है। इस संगठन पर पाकिस्तान में सैकड़ों आतंकवादी हमले करने, सेना और पुलिस पर हमले, और निर्दोष नागरिकों की हत्याओं के आरोप हैं।


पाकिस्तान के लिए बढ़ती चुनौती

पाकिस्तान के लिए बढ़ती चुनौती
टीटीपी की बढ़ती गतिविधियाँ पाकिस्तान के लिए एक बड़ी सुरक्षा चुनौती बन चुकी हैं। खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में आतंकियों के हमले लगातार बढ़ रहे हैं, जबकि पाकिस्तान की सेना कई बार दावा करने के बावजूद इस संगठन को पूरी तरह खत्म नहीं कर पाई है। अफगान तालिबान के शासन में आने के बाद टीटीपी को न केवल वैचारिक समर्थन मिला है, बल्कि सीमा पार से सुरक्षा भी हासिल हुई है। अब जिन्ना और इकबाल जैसी राष्ट्रीय प्रतीकों का अपमान पाकिस्तान की आंतरिक अस्थिरता को और उजागर कर रहा है।


सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो