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पाकिस्तान में डॉक्टरों और इंजीनियरों का पलायन: सरकारी रिपोर्ट से मचा हड़कंप

पाकिस्तान में एक नई सरकारी रिपोर्ट ने देश से डॉक्टरों और इंजीनियरों के बड़े पलायन की चिंता बढ़ा दी है। पिछले 24 महीनों में 5,000 डॉक्टर और 11,000 इंजीनियर पाकिस्तान छोड़ चुके हैं। इस स्थिति पर सेना प्रमुख आसिम मुनीर के दावों को लेकर सवाल उठ रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य क्षेत्र पर इसका सबसे बड़ा असर पड़ा है, और कई लोग इस पलायन को गंभीरता से ले रहे हैं। जानें इस रिपोर्ट में और क्या कहा गया है और इसके पीछे की असली वजहें क्या हैं।
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पाकिस्तान में डॉक्टरों और इंजीनियरों का पलायन: सरकारी रिपोर्ट से मचा हड़कंप

पाकिस्तान में पलायन की alarming रिपोर्ट


नई दिल्ली : पाकिस्तान में एक नई सरकारी रिपोर्ट ने हलचल मचा दी है, जिसके बाद कई लोग सरकार और सेना प्रमुख आसिम मुनीर पर सवाल उठा रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'X' और अन्य मीडिया चैनलों पर इस रिपोर्ट को लेकर चर्चा जारी है।


रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दो वर्षों में पाकिस्तान से 5,000 डॉक्टर और 11,000 इंजीनियर देश छोड़कर जा चुके हैं। इस स्थिति के बाद, लोग आसिम मुनीर के 'brain gain' के दावों का मजाक उड़ा रहे हैं, क्योंकि उन्होंने हाल ही में बड़े पलायन को सकारात्मक रूप में प्रस्तुत किया था।


सेना प्रमुख के दावे पर सवाल
रिपोर्ट के प्रकाश में आने के बाद, पाकिस्तान सेना प्रमुख के कई दावे झूठे साबित हो रहे हैं। लोगों का मानना है कि वह देश को गुमराह करने की कोशिश कर रहे हैं। इस रिपोर्ट को पूर्व पाकिस्तानी सीनेटर मुस्तफा नवाज़ खोखर ने उजागर किया था।


खोखर ने इमिग्रेशन डेटा के साथ ट्वीट किया, 'इकोनॉमी को सुधारने के लिए राजनीति को सुधारें! पाकिस्तान चौथा सबसे बड़ा फ्रीलांसिंग हब है, और इंटरनेट बंद होने से $1.62 बिलियन का नुकसान हुआ है, जिससे 2.37 मिलियन फ्रीलांसिंग नौकरियां खतरे में हैं।'




अधूरे दस्तावेजों वाले यात्रियों पर बैन
रिपोर्ट के अनुसार, 2024 में 727,381 पाकिस्तानियों ने विदेश में नौकरी के लिए रजिस्ट्रेशन कराया था। यह आंकड़ा पाकिस्तान की चिंताजनक स्थिति को दर्शाता है। ब्यूरो ऑफ इमिग्रेशन एंड ओवरसीज एंप्लॉयमेंट द्वारा जारी डेटा ने लोगों को सवाल उठाने पर मजबूर कर दिया है।


चिंता की बात यह है कि यह पलायन अब केवल गल्फ में मजदूरी करने वाले श्रमिकों या विदेश में घुसने की कोशिश करने वाले 'पेशेवर भिखारियों' तक सीमित नहीं है। गृह मंत्री मोहसिन नकवी ने 'पेशेवर भिखारियों' और अधूरे दस्तावेजों वाले यात्रियों के विदेश जाने पर बैन लगाने की घोषणा की है।


स्वास्थ्य क्षेत्र पर प्रभाव
इस रिपोर्ट के अनुसार, इसका सबसे बड़ा प्रभाव स्वास्थ्य क्षेत्र पर पड़ा है। 2011 से 2024 के बीच पाकिस्तान में 2,144% नर्सें देश छोड़कर जा चुकी हैं। पाकिस्तान एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल भी यही स्थिति बनी हुई है।


इमिग्रेशन डेटा को देखकर कई लोग सोशल मीडिया पर पाकिस्तान और विशेष रूप से आसिम मुनीर के दावों का मजाक उड़ा रहे हैं। कई लोग 'X' पर इस लापरवाही को गंभीरता से लेने और लोगों को भविष्य की चिंता करने के लिए कह रहे हैं।