पाकिस्तान में नया सैन्य पद: सीनेट ने 27वें संवैधानिक संशोधन को दी मंजूरी
पाकिस्तान की सीनेट ने किया संवैधानिक संशोधन का अनुमोदन
नई दिल्ली: इस्लामाबाद से प्राप्त जानकारी के अनुसार, पाकिस्तान की संसद के ऊपरी सदन, सीनेट ने सोमवार को 27वें संवैधानिक संशोधन को स्वीकृति दे दी है। यह संशोधन पिछले कुछ हफ्तों से राजनीतिक चर्चाओं और विवादों का केंद्र रहा है। इसके अंतर्गत पाकिस्तान में एक नया सैन्य पद 'चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज' स्थापित किया जाएगा और एक नया संवैधानिक न्यायालय भी बनाया जाएगा।
बिल का प्रस्ताव और सीनेट की प्रक्रिया
कानून मंत्री आजम नजीर द्वारा पेश किया गया बिल
यह बिल कानून मंत्री आजम नजीर तरार ने सीनेट में प्रस्तुत किया। बैठक की अध्यक्षता सीनेट चेयरमैन यूसुफ रजा गिलानी ने की। सरकार और उसके सहयोगी दलों ने इस बिल को दो-तिहाई बहुमत से पारित किया। कुल 64 वोट पड़े, जिसमें दो विपक्षी सांसदों ने भी सरकार के पक्ष में मतदान किया। बिल पेश होते ही विपक्षी सांसदों ने नारेबाजी की और प्रतियां फाड़कर फेंकी, जिसके बाद उन्होंने वॉकआउट कर दिया।
नए सैन्य पद की विशेषताएँ
नए सैन्य पद और शक्तियाँ
संशोधन के अनुसार, पाकिस्तान के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री की सलाह पर आर्मी चीफ और चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज की नियुक्ति करेंगे। वर्तमान ज्वॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी का पद 27 नवंबर 2025 को समाप्त हो जाएगा। आर्मी चीफ आसिम मुनीर को अधिक अधिकार दिए जा रहे हैं। नए कानून के तहत आर्मी चीफ ही चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज का पद संभालेगा और प्रधानमंत्री से सलाह लेकर नेशनल स्ट्रैटेजिक कमांड के प्रमुख की नियुक्ति करेगा, जो हमेशा आर्मी से होगा।
आजीवन विशेष सैन्य रैंक का प्रावधान
आजीवन विशेष सैन्य रैंक
संशोधन में सेना, वायु सेना और नौसेना के अधिकारियों को फील्ड मार्शल, मार्शल ऑफ द एयर फोर्स और एडमिरल ऑफ द फ्लीट जैसी रैंक देने का प्रावधान है। इनमें से फील्ड मार्शल का दर्जा आजीवन रहेगा, यानी यह उपाधि मिलने के बाद जीवनभर वैध होगी।
संविधानिक न्यायालय की स्थापना
नया संवैधानिक न्यायालय
संशोधन में एक संघीय संवैधानिक न्यायालय बनाने का प्रावधान भी शामिल है। यह अदालत केवल संविधान से जुड़े मामलों की सुनवाई करेगी, जबकि सुप्रीम कोर्ट अब नागरिक और आपराधिक मामलों तक ही सीमित रहेगी।
विपक्ष का विरोध और आगे की प्रक्रिया
विपक्ष का विरोध और आगे की प्रक्रिया
विपक्षी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) ने इस बिल का कड़ा विरोध किया। उन्होंने सीनेट में प्रदर्शन किया और वॉकआउट कर दिया। अब यह संशोधन नेशनल असेंबली में पेश किया जाएगा, जहां कुल 336 सदस्य हैं। सरकार के पास पहले से 233 सांसदों का समर्थन है, जबकि दो-तिहाई बहुमत के लिए 226 वोट चाहिए। इसे देखते हुए यह संशोधन नेशनल असेंबली में भी आसानी से पास हो जाएगा।
सरकार का कहना है कि यह संशोधन संविधान को मजबूत करेगा और देश की सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाएगा। वहीं, विपक्ष का आरोप है कि इस कदम से सेना को अधिक ताकत मिलेगी और नागरिक शासन कमजोर होगा। यह संशोधन पाकिस्तान की राजनीतिक और सैन्य संरचना में महत्वपूर्ण बदलाव लाने वाला कदम माना जा रहा है।
