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पाकिस्तान में फिर आया भूकंप, तीव्रता 4.8 दर्ज

पाकिस्तान में मंगलवार को 4.8 तीव्रता का भूकंप आया, जो पिछले एक महीने में देश में हुई पांचवीं भूकंपीय घटना है। बलूचिस्तान के सोनमियानी क्षेत्र में आए इस भूकंप की गहराई 12 किलोमीटर थी। रेस्क्यू 1122 के अधिकारियों ने किसी भी हताहत की सूचना नहीं दी है। इस वर्ष कराची में कई हल्के भूकंपों ने बड़े भूकंप की आशंका को बढ़ा दिया था। जानें इस भूकंप के पीछे के कारण और पाकिस्तान की भूकंप संभावितता के बारे में।
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पाकिस्तान में फिर आया भूकंप, तीव्रता 4.8 दर्ज

पाकिस्तान में भूकंप की नई घटना

राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (एनसीएस) के अनुसार, मंगलवार की सुबह पाकिस्तान में 4.8 की तीव्रता का भूकंप महसूस किया गया। यह घटना पिछले एक महीने में देश में हुई पांचवीं भूकंपीय गतिविधि है।


एनसीएस ने जानकारी दी कि सोमवार को आए भूकंप का केंद्र बलूचिस्तान के सोनमियानी क्षेत्र में था, जिसकी गहराई 12 किलोमीटर थी और यह कराची से लगभग 87 किलोमीटर दूर स्थित था। रेस्क्यू 1122 के एक अधिकारी ने बताया कि इस भूकंप में किसी के हताहत होने या घायल होने की सूचना नहीं है।


इस वर्ष जून और जुलाई में कराची में कई हल्के भूकंप आए थे, जिससे बड़े भूकंप की आशंका बढ़ गई थी। मौसम विभाग के अधिकारियों ने इन झटकों को लांधी क्षेत्र में एक ऐतिहासिक फॉल्ट लाइन के साथ संचित भूकंपीय ऊर्जा के मुक्त होने का परिणाम बताया था।


पाकिस्तान में भूकंपों की श्रृंखला

इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान में कई भूकंपों की घटनाएं हुईं। 5 दिसंबर को 40 किलोमीटर की गहराई पर 3.6 तीव्रता का भूकंप दर्ज किया गया। एनसीएस ने बताया कि भूकंप की तीव्रता 3.6 थी, जो 12 मई 2025 को सुबह 10:39:00 बजे (आईएसटी) आई थी।


इससे पहले, 25 नवंबर को 120 किलोमीटर की गहराई पर 4.3 तीव्रता का भूकंप आया था। 20 नवंबर को पाकिस्तान में 10 किलोमीटर की उथली गहराई पर 3.9 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे क्षेत्र में आफ्टरशॉक्स की आशंका बढ़ गई।


भूकंप संभावित क्षेत्र

पाकिस्तान भारतीय और यूरेशियन विवर्तनिक प्लेटों के टकराव की सीमा पर स्थित है, जिससे इसे विश्व के सबसे अधिक भूकंप संभावित देशों में से एक माना जाता है। बलूचिस्तान, खैबर पख्तूनख्वा और गिलगित-बाल्टिस्तान जैसे क्षेत्र प्रमुख भू-आकृतियों के निकट हैं, जिससे ये भूकंपीय गतिविधियों के प्रति विशेष रूप से संवेदनशील हो जाते हैं। भारतीय प्लेट के उत्तर-पश्चिमी किनारे पर स्थित पंजाब और सिंध भी भूकंप के प्रति संवेदनशील बने हुए हैं।