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पाकिस्तान में बाढ़ से भारी तबाही: 340 से अधिक लोगों की मौत

पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में हाल ही में आई बाढ़ ने भारी तबाही मचाई है, जिसमें 340 से अधिक लोगों की जान चली गई है। राहत कार्य में जुटे कर्मियों ने मलबे से कई शव निकाले हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन इस आपदा का मुख्य कारण है। जानें इस संकट के बारे में और क्या कदम उठाए जा रहे हैं।
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पाकिस्तान में बाढ़ से भारी तबाही: 340 से अधिक लोगों की मौत

पाकिस्तान में बाढ़ का कहर

इस्लामाबाद: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत और आस-पास के क्षेत्रों में मूसलधार बारिश और बादल फटने के कारण आई भीषण बाढ़ ने व्यापक तबाही मचाई है। पिछले 48 घंटों में लगभग 340 लोगों की जान चली गई है और 137 से अधिक लोग घायल हुए हैं। राहत कार्य में लगभग 2,000 राहतकर्मी बुनेर, स्वात, शांगला, बट्टाग्राम, बाजौर और मनसेहरा जैसे 9 जिलों में जुटे हुए हैं। शनिवार को राहत दलों ने मलबे से 63 और शव निकाले। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि आने वाले दिनों में बारिश और बढ़ सकती है।


बुनेर में सबसे गंभीर स्थिति

बुनेर में तबाही की तस्वीरें:
सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र बुनेर जिले के पीर बाबा और मलिकपुरा गांव हैं, जहां कई घर पानी और मलबे में बह गए। डिप्टी कमिश्नर काशिफ कय्यूम ने बताया कि राहत दल लगातार शवों को निकालने और फंसे लोगों को बचाने का प्रयास कर रहे हैं। स्थानीय पुलिस अधिकारी इम्तियाज खान ने कहा कि अचानक आए तेज बहाव ने कुछ ही मिनटों में पूरे गांव को तबाह कर दिया। “60 से 70 घर बह गए, शव बिखरे पड़े थे और हमारा पुलिस स्टेशन भी बह गया,” उन्होंने बताया।


अस्पताल पहुंचने से पहले ही मौतें

डॉक्टरों की रिपोर्ट:
डॉक्टर मोहम्मद तारिक ने कहा कि अधिकांश मृतक अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ चुके थे। मृतकों में बच्चों और पुरुषों की संख्या अधिक है। कई महिलाएं उस समय पहाड़ियों में लकड़ी बीनने और मवेशी चराने गई थीं। 45 वर्षीय सुल्तान सैयद ने कहा कि बाढ़ का पानी पत्थरों और चट्टानों के साथ आया। “ऐसा भयावह दृश्य हमने पहले कभी नहीं देखा,” उन्होंने कहा।


जलवायु परिवर्तन का प्रभाव

351 मौतें और जलवायु परिवर्तन:
प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, इस सप्ताह खैबर पख्तूनख्वा और गिलगित-बाल्टिस्तान के उत्तरी क्षेत्रों में बारिश और उससे संबंधित घटनाओं में कम से कम 351 लोगों की मौत हुई है। विशेषज्ञों ने जलवायु परिवर्तन को इसके प्रमुख कारणों में से एक बताया है। 2022 में भी पाकिस्तान ने भीषण बाढ़ का सामना किया था, जिसमें 1,700 से अधिक लोगों की जान गई थी और लगभग 40 अरब डॉलर का नुकसान हुआ था।


पंजाब में भी स्थिति चिंताजनक

रेड अलर्ट जारी:
इस बीच, पंजाब प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कई जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है। तरबेला बांध 98 प्रतिशत तक भर चुका है, जबकि मंगला बांध में जलस्तर 68 प्रतिशत तक पहुंच गया है। भारत की ओर से छोड़ा जा रहा पानी भी 50 हजार क्यूसेक तक बढ़ गया है, जिससे स्थिति और बिगड़ने की आशंका है।