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पाकिस्तान में मानव तस्करी: शादी के नाम पर किशोरियों का शोषण

पाकिस्तान में मानव तस्करी की एक गंभीर समस्या सामने आई है, जिसमें गरीब परिवारों को अपनी बेटियों को चीनी पुरुषों से शादी करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। आर्थिक संकट और लिंग असंतुलन इस प्रथा को बढ़ावा दे रहे हैं। जांचकर्ताओं के अनुसार, अधिकांश पीड़ित किशोरियां हैं, जिनकी उम्र 12 से 18 वर्ष के बीच होती है। यह स्थिति न केवल पाकिस्तान के ईसाई अल्पसंख्यक समुदाय को प्रभावित कर रही है, बल्कि मानवाधिकारों के उल्लंघन का भी कारण बन रही है।
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पाकिस्तान में मानव तस्करी: शादी के नाम पर किशोरियों का शोषण

पाकिस्तान में मानव तस्करी का भयानक सच


नई दिल्ली: पाकिस्तान में विवाह के नाम पर मानव तस्करी की एक गंभीर समस्या सामने आई है, जिसमें गरीब परिवारों को अपनी बेटियों, विशेषकर किशोरियों, को चीनी पुरुषों से शादी करने के लिए मजबूर किया जा रहा है। पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति में गिरावट और चीन में लिंग असंतुलन इस प्रथा को बढ़ावा दे रहे हैं। खासकर ईसाई अल्पसंख्यक समुदाय, जो पाकिस्तान के सबसे गरीब वर्गों में से एक है, को विशेष रूप से निशाना बनाया जा रहा है।


पाकिस्तानी और चीनी दलाल, हताश माता-पिता को पैसे का लालच देकर 700 डॉलर से 3,200 डॉलर (2-9 लाख पाकिस्तानी रुपये) तक की पेशकश करते हैं। यह राशि, चीनी दूल्हे से दलालों की कमाई का एक छोटा हिस्सा होती है, जो 25,000 डॉलर से 65,000 डॉलर तक हो सकती है।


किसकी है मांग?

दूरदराज के क्षेत्रों में गरीबी के कारण, यह नकद प्रस्ताव उन परिवारों के लिए एक महत्वपूर्ण सहारा बन जाता है जो जीवन यापन के लिए संघर्ष कर रहे हैं। कभी-कभी बीमार माता-पिता या अन्य भाई-बहन भी 'दुल्हन' के साथ चीन जाते हैं। जांचकर्ताओं ने पाया है कि अधिकांश पीड़ित युवतियां और लड़कियां हैं, जिनकी उम्र आमतौर पर 12 से 18 वर्ष के बीच होती है और जो मुख्य रूप से ईसाई समुदाय से आती हैं।


2 साल की निकाली लिस्ट

पाकिस्तानी जांचकर्ताओं ने लगभग दो वर्षों (2018-2019) में 629 लड़कियों और महिलाओं की एक सूची तैयार की, जिन्हें चीनी पुरुषों को दुल्हन के रूप में बेचा गया था। जाली दस्तावेजों के माध्यम से चीन में तस्करी के बाद, कई लड़कियां सुखद वैवाहिक जीवन के वादों के बावजूद खुद को अलग-थलग, दुर्व्यवहार का शिकार या वेश्यावृत्ति या मजदूरी के लिए मजबूर पाती हैं।


क्या है कारण?

इस मांग का मुख्य कारण चीन में गंभीर लिंग असंतुलन है, जो पूर्व की एक-बच्चा नीति का परिणाम है। इसके चलते महिलाओं की तुलना में लगभग 34 मिलियन अधिक पुरुष हैं। इससे विदेशी दुल्हनों की मांग बढ़ गई है और पाकिस्तान, वियतनाम और म्यांमार जैसी जगहों की महिलाएं तस्करों का शिकार बन रही हैं। हालांकि, अधिकारियों ने कार्रवाई की है और कुछ गिरफ्तारियां भी की हैं, लेकिन मानवाधिकार निगरानीकर्ताओं की रिपोर्ट है कि जांच में धीमी गति लाने का दबाव है, जिससे तस्करी का सिलसिला जारी है।