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पाकिस्तान में शक्तिशाली भूकंप ने मचाई हलचल

पाकिस्तान में बुधवार रात एक शक्तिशाली भूकंप ने उत्तरी क्षेत्रों में हलचल मचाई। भूकंप का केंद्र हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला में था, जिसकी तीव्रता 4.5 मापी गई। गहराई अधिक होने के कारण झटके कम तीव्रता के थे, लेकिन लोगों में दहशत फैल गई। प्रशासन ने राहत दलों को तैयार रखा है और नागरिकों से शांति बनाए रखने की अपील की है। जानें इस भूकंप के प्रभाव और विशेषज्ञों की चेतावनियों के बारे में।
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पाकिस्तान में शक्तिशाली भूकंप ने मचाई हलचल

पाकिस्तान में भूकंप का झटका


पाकिस्तान में भूकंप का असर: बुधवार रात पाकिस्तान में एक बार फिर से भूकंप ने लोगों को हिला दिया। उत्तरी पाकिस्तान के विभिन्न क्षेत्रों में आए इस भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान की सीमा के निकट हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला में था, जो पहले भी कई बार भूकंप का केंद्र रहा है। इस बार की भूकंपीय गतिविधि ने पुराने डर को फिर से जगा दिया है।


भूकंप की तीव्रता और गहराई

भूकंप के बारे में मिली जानकारी के अनुसार, इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.5 मापी गई है। इसका केंद्र हिंदू कुश पर्वत श्रृंखला में 220 किलोमीटर की गहराई पर स्थित था। गहराई अधिक होने के कारण झटके उतने तीव्र नहीं महसूस किए गए, लेकिन स्वात और खैबर पख्तूनख्वा में लोगों ने तेज झटके अनुभव किए। इस क्षेत्र की भूगर्भीय संरचना के कारण टेक्टॉनिक प्लेटों की हलचल अक्सर भूकंप का कारण बनती है।


लोगों में दहशत और प्रतिक्रिया

जैसे ही भूकंप आया, स्वात, मिंगोरा और आसपास के क्षेत्रों में लोग अपने घरों से बाहर निकल आए। कई लोग खुले मैदानों में इकट्ठा होकर दुआएं पढ़ने लगे। सोशल मीडिया पर भूकंप से संबंधित तस्वीरें और वीडियो तेजी से फैलने लगे, जिनमें लोग अफरातफरी में बाहर निकलते हुए दिखाई दिए। हालांकि, भूकंप की तीव्रता कम होने के कारण किसी प्रकार की जनहानि या संरचनात्मक नुकसान की सूचना नहीं मिली है।


स्थानीय प्रशासन की तत्परता

भूकंप के तुरंत बाद स्थानीय प्रशासन और रेस्क्यू एजेंसियों को सतर्क कर दिया गया। स्वात जिला प्रशासन ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि सभी राहत दल तैयार हैं और फिलहाल किसी भी प्रकार की हानि की सूचना नहीं है। प्रशासन ने नागरिकों से शांति बनाए रखने और झूठी अफवाहों से दूर रहने की अपील की है।


भूकंप के प्रभाव का विश्लेषण

भूकंप विशेषज्ञों का कहना है कि हिंदू कुश क्षेत्र में आने वाले अधिकांश भूकंप 'इंटरप्लेट क्वेक्स' होते हैं, जिनका केंद्र गहराई में होता है। यही कारण है कि झटके व्यापक क्षेत्र में महसूस होते हैं, लेकिन सतही नुकसान सीमित रहता है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यह क्षेत्र भूगर्भीय दृष्टि से सक्रिय है, इसलिए भविष्य में भी ऐसे झटके महसूस किए जा सकते हैं।