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पाकिस्तान में शराब निर्यात पर लगा बैन हटा, मुर्री ब्रेवरी को मिली नई मंजूरी

पाकिस्तान में मुर्री ब्रेवरी को शराब निर्यात की अनुमति मिलने से देश के शराब उद्योग में एक नया अध्याय शुरू हुआ है। 50 साल बाद, यह कंपनी अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपने उत्पादों को बेचने में सक्षम हुई है। इस फैसले के पीछे कंपनी के मालिक इस्फनयार भंडारा का संघर्ष और धैर्य है। साथ ही, सऊदी अरब ने भी गैर-मुस्लिमों को शराब पीने की अनुमति देकर अपने सख्त नियमों में ढील दी है। जानें इस बदलाव के पीछे की कहानी और इसके संभावित प्रभाव।
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पाकिस्तान में शराब निर्यात पर लगा बैन हटा, मुर्री ब्रेवरी को मिली नई मंजूरी

पाकिस्तान में शराब नीति में बड़ा बदलाव


नई दिल्ली: हाल ही में सऊदी अरब ने गुप्त रूप से गैर-मुस्लिमों को शराब का सेवन करने की अनुमति दी है, जिसके चलते वहां की एकमात्र शराब की दुकान पर लंबी कतारें देखी गई हैं। इसी संदर्भ में, पाकिस्तान में भी शराब नीति में एक महत्वपूर्ण परिवर्तन हुआ है। पाकिस्तान की ऐतिहासिक मुर्री ब्रेवरी को लगभग 50 वर्षों के बाद अंतरराष्ट्रीय बाजार में अपने उत्पादों को बेचने की आधिकारिक अनुमति मिल गई है, और इसके साथ ही देश में शराब के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया गया है।


मुर्री ब्रेवरी का इतिहास

मुर्री ब्रेवरी की स्थापना 1860 में ब्रिटिश शासन के दौरान हुई थी, और यह पाकिस्तान की सबसे पुरानी शराब निर्माता कंपनी मानी जाती है। अब तक, यह कंपनी केवल सीमित मात्रा में और विशेष व्यक्तियों के लिए ही कार्यरत रही है, क्योंकि पाकिस्तान में शराब का सेवन और बिक्री मुस्लिम बहुल देश होने के कारण सख्त रूप से प्रतिबंधित है।


कंपनी के मालिक का बयान

कंपनी के प्रमुख इस्फनयार भंडारा, जो तीसरी पीढ़ी के मालिक हैं, ने इस निर्णय को संघर्ष और धैर्य की जीत बताया है। उन्होंने कहा कि उनके दादा और पिता दोनों ने शराब निर्यात की अनुमति प्राप्त करने की कोशिश की थी, लेकिन सफल नहीं हो सके। अब यह लाइसेंस उनके लिए भावनात्मक और व्यावसायिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। भंडारा ने यह भी याद दिलाया कि 2017 में उन्हें झटका लगा था, जब पाकिस्तान में एक चीनी कंपनी को शराब बनाने की अनुमति मिली थी, जो चीन के कर्मचारियों के लिए थी।


ब्रांच और कारोबार

वर्तमान में, मुर्री ब्रेवरी रावलपिंडी में स्थित है और पाकिस्तानी सेना के प्रमुख असीम मुनीर के आधिकारिक निवास के निकट है। यहां सुरक्षा बेहद कड़ी है। कंपनी का वार्षिक राजस्व 100 मिलियन डॉलर से अधिक है, जिसमें से आधी आय शराब की बिक्री से आती है, जबकि शेष आमदनी नॉन-अल्कोहलिक पेय और बोतल निर्माण से होती है। पाकिस्तान में शराब की कानूनी बिक्री केवल धार्मिक अल्पसंख्यकों और विदेशी नागरिकों के लिए सीमित है, लेकिन अवैध शराब का कारोबार बड़े पैमाने पर जारी है।


निर्यात और अंतरराष्ट्रीय कदम

निर्यात पर रोक लगने से पहले, मुर्री ब्रेवरी भारत, अफगानिस्तान, खाड़ी देशों और अमेरिका में अपने उत्पाद भेजती थी। भंडारा ने बताया कि कभी उनके उत्पाद काबुल तक पहुंचते थे, जो अब तालिबान शासन के कारण संभव नहीं है। अब कंपनी ने जापान, ब्रिटेन और पुर्तगाल में टेस्ट शिपमेंट भेजना शुरू कर दिया है।


भविष्य की योजनाएं

मुर्री ब्रेवरी का लक्ष्य केवल मुनाफा कमाना नहीं है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार को समझना और अपने ब्रांड की पहचान बनाना भी है। घरेलू स्तर पर विज्ञापन पर प्रतिबंध के कारण, कंपनी अब विदेशों में अपने ब्रांड को प्रमोट करने का बड़ा अवसर मान रही है। 2,200 कर्मचारियों वाली कंपनी अब यूरोप, एशिया और अफ्रीका के बाजारों पर भी ध्यान केंद्रित कर रही है। यह बदलाव पाकिस्तान के शराब उद्योग के लिए एक नया युग लेकर आया है और मुर्री ब्रेवरी को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने में मदद करेगा।


सऊदी अरब का निर्णय

मध्य-पूर्व के इस्लामिक देश सऊदी अरब ने शराब बिक्री पर दशकों से लगे अपने सख्त प्रतिबंधों में ढील दी है। यह कदम विशेष रूप से कुछ चुनिंदा गैर-मुस्लिम विदेशी निवासियों के लिए लागू किया गया है। अब सऊदी अरब में रहने वाले उच्च आय वाले गैर-मुस्लिम लोग सीमित मात्रा में शराब खरीद सकेंगे।