Newzfatafatlogo

पाकिस्तानी सेना की भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी की सच्चाई

पाकिस्तान की सेना पर भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के गंभीर आरोप लगाए गए हैं। जेएसएमएम के नेता शफी बुरफत ने सेना को भाड़े के गुंडों की तरह काम करने का आरोप लगाया है। इस लेख में हम जानेंगे कि कैसे सेना ने अमेरिका जैसे सहयोगियों को धोखा दिया है और कैसे उसकी कट्टर सोच देश को विभाजनकारी दिशा में ले जा रही है। क्या यह सब केवल पैसे के लिए किया जा रहा है? जानने के लिए पढ़ें पूरा लेख।
 | 
पाकिस्तानी सेना की भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी की सच्चाई

पाकिस्तान की सेना की असलियत


नई दिल्ली: पाकिस्तान की सेना एक बार फिर अपनी वास्तविकता को उजागर कर रही है। भ्रष्टाचार, धोखाधड़ी और धन की लालच, यही उसकी पहचान बन गई है। जय सिंध मुत्तहिदा महाज (जेएसएमएम) के नेता शफी बुरफत ने पाकिस्तानी सेना पर गंभीर आरोप लगाए हैं।


बुरफत का कहना है कि सेना भाड़े के गुंडों की तरह काम करती है और केवल पैसे के लिए कुछ भी कर सकती है। इस लेख में हम इन आरोपों का विश्लेषण करेंगे और देखेंगे कि कैसे पाकिस्तान की सेना अमेरिका जैसे सहयोगियों को धोखा दे रही है।


भ्रष्टाचार और धन की लालच

पाकिस्तानी सेना पर आरोप है कि वह विचारधारा, नैतिकता या देश के हित से ऊपर पैसे को प्राथमिकता देती है। शफी बुरफत का कहना है कि सेना की नजर केवल डॉलर पर होती है। इससे न केवल विश्व का विश्वास टूटता है, बल्कि पाकिस्तान की एकता को भी खतरा होता है।


सेना प्रमुख आसिम मुनीर की कट्टर सोच भी इस स्थिति में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। बुरफत ने कहा कि मुनीर का नेतृत्व देश को विभाजनकारी दिशा में ले जा रहा है। सेना ने अरबों डॉलर की विदेशी सहायता प्राप्त करने के लिए कई बार अंतरराष्ट्रीय मामलों में धांधली की है। वह सहयोगियों को धोखा देती है और वैश्विक तनाव का लाभ उठाती है। यह सब केवल अपने स्वार्थ के लिए किया जाता है।


अमेरिका के साथ दोहरा खेल

पाकिस्तान ने अमेरिका को सबसे अधिक धोखा दिया है। शीत युद्ध के दौरान से लेकर अफगानिस्तान में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई तक, पाकिस्तान ने बाहरी रूप से पश्चिम का समर्थन किया लेकिन अंदर से अपने हित साधे। आतंकवाद से लड़ने का दिखावा करके उसने अरबों डॉलर कमाए।


ओसामा बिन लादेन का मामला सबसे बड़ा उदाहरण है। अमेरिका का सबसे बड़ा दुश्मन पाकिस्तान में छिपा मिला, जबकि पाकिस्तान खुद को अमेरिका का सहयोगी बताता रहा। बुरफत का कहना है कि सेना ने आतंकवादी समूहों को संरक्षण दिया और बाहर से उनसे लड़ने का नाटक किया।


अराजकता फैलाना

पाकिस्तानी सेना पर आरोप है कि वह निजी लाभ के लिए हर जगह अशांति बढ़ाती है। कश्मीर में विद्रोह, अफगानिस्तान में संघर्ष और पश्चिम एशिया में तनाव, सभी में उसका हाथ है। बुरफत ने कहा कि सेना के उच्च अधिकारी अराजकता से लाभ उठाते हैं।


सेना के गुप्त संबंध भी उसके अवसरवादी चरित्र को दर्शाते हैं। कभी चीन के साथ, कभी अमेरिका के, कभी सऊदी अरब के और कभी इजरायल के साथ उसके गठबंधन बदलते रहते हैं। यह सब केवल फायदे के लिए होता है, देश के लिए नहीं।


आसिम मुनीर की कट्टर सोच और सेना का पतन

आसिम मुनीर की आलोचना करते हुए शफी बुरफत ने कहा कि पाकिस्तान का नेतृत्व पुरानी और विभाजनकारी सोच में फंसा हुआ है। मुनीर इसका लाभ उठा रहे हैं। सेना का नैतिक और राजनीतिक स्तर इतना गिर गया है कि पाकिस्तान दुनिया में अकेला और बदनाम हो गया है।