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पुतिन का अनोखा सुरक्षा प्रोटोकॉल: जानिए उनके पूप सूटकेस के बारे में

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की सुरक्षा व्यवस्था में एक अनोखा पहलू है उनका पूप सूटकेस। यह ब्रीफकेस उनकी विदेश यात्राओं के दौरान उनके मल को सुरक्षित रखने के लिए उपयोग किया जाता है, ताकि उनकी स्वास्थ्य स्थिति की जानकारी किसी विदेशी देश में न पहुंच सके। जानें इस सुरक्षा प्रोटोकॉल के पीछे के कारण और पुतिन की स्वास्थ्य संबंधी अफवाहों के बारे में।
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पुतिन का अनोखा सुरक्षा प्रोटोकॉल: जानिए उनके पूप सूटकेस के बारे में

रूस के राष्ट्रपति का भारत दौरा


नई दिल्ली: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज भारत में हैं, जहां वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ महत्वपूर्ण वार्ता करेंगे। पुतिन अपनी कूटनीतिक गतिविधियों के साथ-साथ अपनी सख्त सुरक्षा व्यवस्था के लिए भी जाने जाते हैं। उनकी सुरक्षा का जिम्मा रूस की Federal Protective Service (FSO) पर है, जिसे विश्व की सबसे गोपनीय सुरक्षा एजेंसियों में से एक माना जाता है।


पुतिन की विदेश यात्राओं में हर गतिविधि पर बारीकी से नजर रखी जाती है, यहां तक कि उनके मल का भी विशेष प्रोटोकॉल होता है।


पूप सूटकेस की कहानी

पूप सूटकेस


पुतिन की सुरक्षा व्यवस्था में एक दिलचस्प पहलू उनका पूप सूटकेस है, जो हमेशा चर्चा का विषय बना रहता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, जब भी पुतिन विदेश यात्रा पर जाते हैं, उनके सुरक्षा गार्ड एक विशेष ब्रीफकेस साथ रखते हैं। इसमें पुतिन का मल सुरक्षित रूप से रखा जाता है और इसे रूस वापस भेजा जाता है, ताकि अन्य देशों द्वारा इसकी जांच न की जा सके और उनकी स्वास्थ्य स्थिति का पता न चले।


यह जानकारी कब सामने आई?

कब सामने आई ये बात?


यह मामला तब ज्यादा चर्चा में आया जब पुतिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिलने अलास्का गए थे। रिपोर्टों के अनुसार, वहां उनकी टीम एक पोर्टेबल लैब और सील बंद बैग लेकर गई थी। सुरक्षा एजेंसी का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि पुतिन द्वारा छोड़ी गई कोई भी जैविक सामग्री विदेशी खुफिया एजेंसियों के हाथ न लगे।


पुतिन की स्वास्थ्य स्थिति

पुतिन को है कोई बीमारी


पुतिन के पूप सूटकेस की व्यवस्था का एक मुख्य कारण उनकी स्वास्थ्य संबंधी अफवाहें भी हैं। कई वर्षों से यह कहा जाता रहा है कि पुतिन कैंसर या पार्किंसन जैसी बीमारियों से ग्रसित हैं, हालांकि रूस सरकार इन दावों को खारिज करती रही है। यही कारण है कि क्रेमलिन किसी भी प्रकार की चिकित्सा जानकारी के लीक होने का जोखिम नहीं उठाना चाहता।


मल से स्वास्थ्य संकेत

मल से क्या पता चलता है?


विशेषज्ञों के अनुसार, इंसान के मल से कई महत्वपूर्ण स्वास्थ्य संकेत मिल सकते हैं। डॉक्टरों का कहना है कि मल के नमूनों से पाचन तंत्र की स्थिति, संक्रमण, गंभीर बीमारियों के प्रारंभिक संकेत और अन्य आंतरिक समस्याओं की जानकारी प्राप्त की जा सकती है। इसी कारण से पुतिन का मल किसी विदेशी देश में छोड़ना सुरक्षा के लिए जोखिम भरा माना जाता है।


विशेषज्ञों का मानना है कि मल की बनावट, रंग और चिकनाई भी स्वास्थ्य की स्थिति का संकेत देती है। यदि मल कठोर और छोटे टुकड़ों में हो तो यह कब्ज का संकेत है, जबकि अत्यधिक तैलीय मल पाचन संबंधी समस्याओं को दर्शाता है। पुतिन की इस चिकित्सा गोपनीयता को बनाए रखने के लिए हर यात्रा में यह अनोखा "पूप सूटकेस प्रोटोकॉल" अपनाया जाता है।