पुतिन का यूरोपीय नेताओं पर तीखा हमला: रूस की स्थिति मजबूत
रक्षा मंत्रालय की बैठक में पुतिन का बयान
रक्षा मंत्रालय की वार्षिक बैठक में, राष्ट्रपति पुतिन ने यूरोपीय नेताओं को 'यंग पिग्स' कहकर संबोधित किया। उन्होंने कहा कि ये नेता अमेरिका के इशारों पर रूस को कमजोर करने के सपने देख रहे थे, लेकिन अब वह सपना पूरी तरह से टूट चुका है। पुतिन ने यह भी कहा कि पश्चिमी देशों को उम्मीद थी कि रूस को जल्दी ही घुटनों पर ला दिया जाएगा और उसे विभाजित कर दिया जाएगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
उन्होंने स्पष्ट किया कि पिछले अमेरिकी प्रशासन, विशेषकर बाइडन के समय में, यूरोप के ये नेता रूस के पतन से लाभ उठाना चाहते थे और पुराने हिसाब-किताब का बदला लेना चाहते थे।
नाटो पर पुतिन के आरोप
पुतिन ने नाटो देशों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वे जानबूझकर यह झूठ फैला रहे हैं कि रूस यूरोप पर हमला करने वाला है। उन्होंने इसे बकवास करार दिया और कहा कि रूस का ऐसा कोई इरादा नहीं है। हालांकि, उन्होंने चेतावनी दी कि यदि यूक्रेन और उसके समर्थक गंभीरता से बातचीत के लिए नहीं आते हैं, तो रूस अपनी सैन्य शक्ति का उपयोग करेगा।
पुतिन ने कहा कि रूसी सेना हर मोर्चे पर आगे बढ़ रही है और जरूरत पड़ने पर और क्षेत्रों पर कब्जा किया जाएगा। रूस अपनी ऐतिहासिक भूमि वापस लेने के लिए दृढ़ है, चाहे वह कूटनीति से हो या बल से। वर्तमान में, रूस ने यूक्रेन के लगभग 19% क्षेत्र पर नियंत्रण कर लिया है, जिसमें क्रीमिया, डोनबास, हरसोन और ज़ापोरिज़िया शामिल हैं।
रूस की भविष्य की योजनाएं
मॉस्को इन क्षेत्रों को अपना हिस्सा मानता है, जबकि यूक्रेन और पश्चिमी देश इसे स्वीकार करने को तैयार नहीं हैं। रूस के रक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि 2026 में हमले और तेज होंगे और रूस अपनी जीडीपी का एक बड़ा हिस्सा युद्ध पर खर्च करने के लिए तैयार है। इस बीच, यूक्रेन के राष्ट्रपति ने पश्चिमी देशों से एकजुट समर्थन की अपील की है।
कुल मिलाकर, पुतिन ने यूरोपीय देशों को अपना संदेश स्पष्ट कर दिया है, और अब यह देखा जा सकता है कि रूस और पश्चिम के बीच टकराव शब्दों और चेतावनियों के बेहद खतरनाक दौर में पहुंच चुका है, जहां कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं है।
