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पुतिन की भारत यात्रा: वैश्विक नेताओं की नजरें दिल्ली पर

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की भारत यात्रा 4-5 दिसंबर को होने जा रही है, जिसमें वैश्विक नेताओं की नजरें दिल्ली पर होंगी। इस यात्रा के दौरान पुतिन और प्रधानमंत्री मोदी के बीच महत्वपूर्ण समझौतों पर चर्चा होने की संभावना है। पुतिन की यह यात्रा न केवल भारत के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह वैश्विक राजनीति में भी एक नया मोड़ ला सकती है। जानें इस यात्रा के पीछे की रणनीतियाँ और वैश्विक नेताओं की प्रतिक्रियाएँ।
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पुतिन की भारत यात्रा: वैश्विक नेताओं की नजरें दिल्ली पर

दिल्ली में पुतिन की ऐतिहासिक यात्रा

4-5 दिसंबर को डोनाल्ड ट्रंप की नजरें दिल्ली पर होंगी। इस दौरान जेलेंस्की दिल्ली की गतिविधियों का अपडेट लेंगे। फ्रांस के राष्ट्रपति, जर्मनी के चांसलर, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री और तुर्की के राष्ट्रपति दिल्ली में पुतिन और नरेंद्र मोदी की मित्रता का प्रदर्शन देखेंगे। पुतिन की भारत यात्रा को पूरी दुनिया देखेगी। इस यात्रा से ट्रंप की चिंताएं बढ़ गई हैं। पुतिन की यात्रा ने नाटो में हलचल मचा दी है। रूस ने कहा है कि मोदी सबसे महान साझेदार हैं। जिस नेता ने अमेरिका के राष्ट्रपति को बेबस बना रखा है, वही पुतिन भारत आ रहे हैं। यह जानना महत्वपूर्ण है कि वर्ल्ड लीडर किसे कहते हैं।


पुतिन की भारत यात्रा का महत्व

पुतिन ऐसे समय में भारत आ रहे हैं जब दुनिया के कई देशों की स्थिति बदल रही है। विशेष रूप से, युद्ध में उलझी महाशक्तियां पुतिन की हर चाल का बारीकी से विश्लेषण कर रही हैं। पुतिन की भारत यात्रा से पहले नाटो के प्रमुख सदस्य सक्रिय हो गए हैं। पुतिन अब तक भारत का नौ बार दौरा कर चुके हैं, और यह उनका 10वां दौरा है। उन्होंने पहली बार 2000 में भारत का दौरा किया था। इसके बाद, वह 2002, 2004, 2007, 2012, 2014, 2016 और 2018 में भी भारत आए। इस दौरान, कई महत्वपूर्ण समझौते हुए।


भविष्य की संभावनाएं

पुतिन की यात्रा के दौरान, वे प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करेंगे और भारत-रूस के बीच कई समझौतों पर चर्चा करेंगे। पुतिन दिल्ली से ट्रंप को संदेश भेज सकते हैं और यूरोपीय देशों को अपने अगले कदम के बारे में संकेत दे सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी पुतिन का भव्य स्वागत करेंगे और भारत-रूस का 23वां वार्षिक शिखर सम्मेलन यादगार बनाने की योजना बना रहे हैं।