Newzfatafatlogo

पुतिन के रहस्यमय डुप्लीकेट ऑफिसों का खुलासा

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बारे में एक नई रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि वे कई समान दिखने वाले ऑफिसों का उपयोग करते हैं। ये ऑफिस विभिन्न स्थानों पर स्थित हैं और कैमरे पर एक जैसे दिखाई देते हैं, जिससे उनकी वास्तविक लोकेशन का पता लगाना मुश्किल हो जाता है। रिपोर्ट में बताया गया है कि पुतिन की गतिविधियों को गोपनीय रखने के लिए ये डुप्लीकेट ऑफिस बनाए गए हैं। जानें इस दिलचस्प कहानी के बारे में और अधिक जानकारी।
 | 
पुतिन के रहस्यमय डुप्लीकेट ऑफिसों का खुलासा

पुतिन के ऑफिसों की रहस्यमय कहानी


रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बारे में एक नई जानकारी सामने आई है। रेडियो फ्री यूरोप/रेडियो लिबर्टी की 'सिस्तेमा' परियोजना की जांच में यह खुलासा हुआ है कि पुतिन कई समान दिखने वाले ऑफिसों का उपयोग करते हैं।


जांच में यह बताया गया है कि विभिन्न स्थानों पर स्थित ये कमरे कैमरे पर इतनी समानता रखते हैं कि यह पहचानना कठिन हो जाता है कि पुतिन वास्तव में कहां हैं।


तीन समान ऑफिसों का खुलासा

रिपोर्ट के अनुसार, पुतिन कम से कम तीन ऐसे ऑफिसों में देखे गए हैं, जिनकी दीवारें, फर्नीचर और सेटअप एक समान हैं। ये ऑफिस नोवो-ओगार्योवो (मॉस्को के पास), सोची (ब्लैक सी तट) और वालदाई (मॉस्को से लगभग 250 मील दूर) में स्थित हैं। तीनों कमरे कैमरे पर लगभग एक जैसे दिखाई देते हैं।


700 से अधिक वीडियोज की जांच

जांचकर्ताओं ने क्रेमलिन द्वारा जारी 700 से अधिक वीडियो की समीक्षा की और पाया कि कई बार पुतिन की लोकेशन गलत बताई गई। उदाहरण के लिए, कुछ वीडियो जिन्हें नोवो-ओगार्योवो का बताया गया था, वास्तव में वालदाई में रिकॉर्ड किए गए थे। थर्मोस्टैट, दरवाजे के हैंडल और दीवारों की बनावट जैसे सूक्ष्म संकेतों से लोकेशन की पहचान की गई।


अलग-अलग समय पर बनाए गए ऑफिस

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि ये ऑफिस अलग-अलग समय पर बनाए गए थे। 2015 में नोवो-ओगार्योवो ऑफिस का दस्तावेजीकरण हुआ, 2018 में वालदाई का प्रतिकृति तैयार की गई और 2020 में सोची वाला। इससे पुतिन को किसी भी स्थान से एक समान बैकग्राउंड में उपस्थित होने का विकल्प मिला।


पुतिन की गतिविधियों को गोपनीय रखने की रणनीति

सिस्तेमा की रिपोर्ट के अनुसार, ये डुप्लीकेट ऑफिस क्रेमलिन को पुतिन की गतिविधियों को गोपनीय रखने का अवसर प्रदान करते हैं। इसके पीछे सुरक्षा, राजनीतिक संदेश या सार्वजनिक छवि को स्थिर बनाए रखने की रणनीति हो सकती है। रिपोर्ट से यह स्पष्ट होता है कि यह व्यवस्था कई वर्षों में योजनाबद्ध तरीके से तैयार की गई है।