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पेशावर में अर्धसैनिक बल मुख्यालय पर घातक हमला

पेशावर में अर्धसैनिक बल मुख्यालय पर सोमवार को हुए हमले में कम से कम तीन लोग मारे गए। इस घटना ने क्षेत्रीय तनाव को और बढ़ा दिया है, जो पहले से ही बलूचिस्तान में विद्रोह के कारण बढ़ रहा था। हमले के बाद कई विस्फोटों की आवाज सुनाई दी और पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर दी। जानें इस हमले के पीछे के कारण और पाकिस्तान में सुरक्षा स्थिति के बारे में अधिक जानकारी।
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पेशावर में अर्धसैनिक बल मुख्यालय पर घातक हमला

पेशावर में हमले की जानकारी


पेशावर: सोमवार को पेशावर में पाकिस्तान के अर्धसैनिक बल मुख्यालय पर बंदूकधारियों ने हमला किया। पुलिस ने कई विस्फोटों और जवाबी कार्रवाई की पुष्टि की है। यह घटना इस वर्ष की शुरुआत में क्वेटा में हुए एक घातक कार बम विस्फोट के बाद हुई है, जो क्षेत्रीय तनाव और बलूचिस्तान में विद्रोह के चलते हुई थी।


पुलिस के अनुसार, बंदूकधारियों ने उत्तर-पश्चिमी शहर पेशावर में अर्धसैनिक बल मुख्यालय पर हमला किया, जिसमें कम से कम तीन लोग मारे गए। पाकिस्तानी समाचार स्रोत ने पुलिस अधिकारी मियां सईद अहमद के हवाले से बताया, "हम एफसी मुख्यालय पर हमले का सामना कर रहे हैं और इलाके की घेराबंदी की जा रही है।"


विस्फोटों की आवाज और क्षेत्रीय तनाव

एफसी चौक मेन सदर में विस्फोटों की आवाज सुनी गई


अधिकारी ने बताया कि इलाके में कई विस्फोट हुए हैं और घेराबंदी की जा रही है। हमले के तुरंत बाद, सोशल मीडिया पर कई वीडियो सामने आए, जिनमें एफसी चौक मेन सदर में विस्फोटों की आवाज सुनी गई। इस वर्ष की शुरुआत में, क्वेटा में अर्धसैनिक मुख्यालय के बाहर एक शक्तिशाली कार बम विस्फोट में कम से कम दस लोग मारे गए और कई घायल हुए।


यह घटना क्षेत्रीय तनाव के बीच हुई। 3 सितंबर को, क्वेटा में एक राजनीतिक रैली में आत्मघाती हमले में 11 लोग मारे गए और 40 से अधिक घायल हुए। पाकिस्तानी सेना बलूचिस्तान में लंबे समय से चल रहे उग्रवाद से जूझ रही है, जिसने 2024 में 782 लोगों की जान ले ली थी। मार्च में, बलूच लिबरेशन आर्मी ने एक ट्रेन का अपहरण कर लिया और ड्यूटी पर तैनात सैनिकों की हत्या कर दी। जनवरी से अब तक, विभिन्न हमलों में 430 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं, जिनमें बन्नू में छह सैनिक भी शामिल हैं।