प्रधानमंत्री मोदी ने अयोध्या में भव्य राम मंदिर पर फहराया अनोखा धर्मध्वज
राम मंदिर के शिखर पर फहराया गया धर्मध्वज
अयोध्या: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अयोध्या में स्थित भव्य राम मंदिर के शिखर पर विधिपूर्वक 'धर्मध्वज' फहराया। यह ध्वज न केवल अपनी भव्यता के लिए जाना जाता है, बल्कि इसकी विशेषताएँ भी इसे खास बनाती हैं। इसे अहमदाबाद के कारीगरों द्वारा वाल्मीकि रामायण और वैदिक परंपराओं के अनुसार तैयार किया गया है। इस ध्वज के अनावरण के साथ राम मंदिर की दिव्यता और भव्यता में एक नया अध्याय जुड़ गया है।
यह धर्मध्वज 22 फीट लंबा और 11 फीट चौड़ा है, जिसमें नायलॉन और रेशम के मिश्रण से बने विशेष पॉलीमर कपड़े का उपयोग किया गया है। यह ध्वज वजन में हल्का होने के साथ-साथ काफी मजबूत भी है, जिसका कुल वजन केवल 2.5 किलोग्राम है। पहले भेजे गए ध्वज का वजन 11 किलोग्राम था। इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि यह भीषण गर्मी, तेज बारिश और 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलने वाली तूफानी हवाओं का सामना कर सके। मंदिर प्रशासन के अनुसार, हर तीन साल में शिखर पर एक नया ध्वज फहराया जाएगा।
इस ध्वज को 'सूर्य ध्वज' भी कहा जाता है, क्योंकि इस पर सूर्य वंश का प्रतीक सूर्यदेव का चित्र अंकित है। ध्वज पर बने हर चिह्न का गहरा धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व है। इसमें वाल्मीकि रामायण में वर्णित राम राज्य के प्रतीक 'कोविदार वृक्ष' और सद्भाव के प्रतीक 'ओंकार' को भी दर्शाया गया है। ध्वज का केसरिया रंग धर्म, त्याग, पवित्रता और आध्यात्मिक शक्ति का प्रतीक है, जबकि इसके केंद्र में बना चक्र न्याय और गतिशीलता का प्रतिनिधित्व करता है। ये सभी प्रतीक भगवान श्री राम के जीवन और आदर्शों से जुड़े हुए हैं।
राम मंदिर के निर्माण और सजावट में गुजरात, विशेषकर अहमदाबाद का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। केवल धर्मध्वज ही नहीं, बल्कि मंदिर के लिए कई अन्य महत्वपूर्ण वस्तुएं भी अहमदाबाद में तैयार की गई हैं। इनमें मंदिर का सबसे बड़ा ढोल, जो दबगर समुदाय द्वारा बनाया गया है, मुख्य मंदिर और अन्य छह मंदिरों के ध्वज-स्तंभ, मंदिर की चूड़ियां, दानपात्र, भगवान के आभूषण रखने वाली पीतल की अलमारी और दरवाजों का हार्डवेयर शामिल हैं। आज शिखर पर धर्मध्वज के फहराए जाने के साथ ही अहमदाबाद के कारीगरों की कला भी राम काज में सार्थक हो गई है।
