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प्रधानमंत्री मोदी ने जापान की नई प्रधानमंत्री को दी बधाई

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जापान की नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री साने ताकाइची को बधाई दी, यह कहते हुए कि भारत और जापान के संबंध हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण हैं। दुनिया भर के नेताओं ने भी ताकाइची को शुभकामनाएँ दी हैं। ताकाइची ने अपने भाषण में जापान के पुनर्निर्माण के लिए हर पीढ़ी के सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। जानें इस महत्वपूर्ण राजनीतिक घटनाक्रम के बारे में और अधिक।
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प्रधानमंत्री मोदी ने जापान की नई प्रधानमंत्री को दी बधाई

मोदी का बधाई संदेश

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को जापान की पहली महिला प्रधानमंत्री साने ताकाइची को उनके चुनाव पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि भारत और जापान के बीच बढ़ते संबंध हिंद-प्रशांत क्षेत्र और उससे बाहर शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। मोदी ने X पर एक पोस्ट में लिखा, "साने ताकाइची, जापान के प्रधानमंत्री बनने पर आपको हार्दिक बधाई। मैं भारत-जापान की विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए आपके साथ मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हूँ। हमारे गहरे होते संबंध हिंद-प्रशांत क्षेत्र और उसके बाहर शांति, स्थिरता और समृद्धि के लिए बेहद ज़रूरी हैं।"


दुनिया भर से शुभकामनाएँ

साने ताकाइची के चुनाव के बाद, वैश्विक नेताओं ने उन्हें शुभकामनाएँ दी हैं। संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान ने जापान को प्रगति और विकास की दिशा में आगे बढ़ाने में उनकी सफलता की कामना की। उन्होंने X पर लिखा, "मैं साने ताकाइची को जापान की प्रधानमंत्री बनने पर बधाई देता हूँ और उनके नेतृत्व में देश की प्रगति की कामना करता हूँ। हमारी व्यापक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करते हुए, मैं संयुक्त अरब अमीरात और जापान के संबंधों को और गहरा करने के लिए मिलकर काम करने के लिए उत्सुक हूँ।"


ताकाइची का दृष्टिकोण

जापान की नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री साने ताकाइची ने अपने भाषण में जापान के पुनर्निर्माण के लिए हर पीढ़ी के सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया। लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (LDP) के सदस्यों को संबोधित करते हुए, उन्होंने कहा, "मैं अपने वादे निभाऊँगी। हम सभी पीढ़ियों को एकजुट करके और सभी की भागीदारी से ही पुनर्निर्माण कर सकते हैं। मैं सभी से काम करने का आग्रह करती हूँ; घोड़े की तरह मेहनत करें। मैं 'कार्य-जीवन संतुलन' के विचार को त्याग दूँगी। मैं काम करूँगी, काम करूँगी, काम करूँगी, काम करूँगी और काम करूँगी।"