प्रधानमंत्री मोदी ने राजस्थान में बिजली परियोजनाओं का उद्घाटन किया

राजस्थान में बिजली क्षेत्र में नया अध्याय
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को बांसवाड़ा, राजस्थान में विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि राजस्थान की भूमि से आज बिजली क्षेत्र में भारत की क्षमता का एक नया अध्याय लिखा जा रहा है। आज राजस्थान, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और महाराष्ट्र में 90 हजार करोड़ रुपये से अधिक के प्रोजेक्ट शुरू किए गए हैं। यह दर्शाता है कि देश बिजली के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है, और हर राज्य को प्राथमिकता दी जा रही है।
उन्होंने आगे कहा कि 2014 में हमारी सरकार ने इन परिस्थितियों को बदलने का संकल्प लिया और हर गांव तक बिजली पहुंचाई। हमने 2.5 करोड़ घरों को मुफ्त बिजली कनेक्शन प्रदान किए, और जहां-जहां तार पहुंचे, वहां बिजली भी पहुंची। इससे लोगों की जिंदगी में सुधार आया और नए उद्योगों की स्थापना हुई। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस की सरकार ने बिजली के महत्व को नजरअंदाज किया। जब 2014 में आपने मुझे सेवा का अवसर दिया, तब भारत के 2.5 करोड़ घरों में बिजली का कनेक्शन नहीं था। आजादी के 70 साल बाद भी 18,000 गांवों में बिजली के खंभे तक नहीं लगे थे।
पीएम ने कहा कि 21वीं सदी में तेजी से विकास के लिए बिजली उत्पादन बढ़ाना आवश्यक है। सफल देश वही होंगे जो स्वच्छ ऊर्जा में आगे रहेंगे। इसलिए हमारी सरकार स्वच्छ ऊर्जा के अभियान को जनआंदोलन बना रही है। कांग्रेस सरकार में राजस्थान पेपर लीक का केंद्र बन गया था, और महिलाओं पर अत्याचार चरम पर थे। जब आपने भाजपा को मौका दिया, तब हमने कानून व्यवस्था को मजबूत किया और विकास परियोजनाओं में तेजी लाई। आज भाजपा सरकार राजस्थान को तेज विकास की दिशा में आगे बढ़ा रही है।
2017 में हमने GST लागू कर देश को टैक्स और टोल के जंजाल से मुक्त किया। नवरात्रि के पहले दिन से #NextGenGST में सुधार किया गया है, जिसके परिणामस्वरूप आज पूरा भारत #GSTBachatUtsav मना रहा है। उपयोग की सभी चीजें अब सस्ती हो गई हैं। 11 साल पहले, कांग्रेस के समय हालात कितने खराब थे, क्योंकि कांग्रेस सरकार देशवासियों का शोषण कर रही थी। जब आपने मोदी को आशीर्वाद दिया, तब हमने कांग्रेस की लूट को समाप्त किया।
उन्होंने आगे कहा कि हमारा एक और लक्ष्य है—आत्मनिर्भर भारत। हमें किसी और पर निर्भर नहीं रहना चाहिए, और इसका रास्ता स्वदेशी के मंत्र से जाता है। मैं सभी से आग्रह करूंगा, खासकर दुकानदारों से, कि हम जो बेचेंगे वह स्वदेशी हो। मैं देशवासियों से भी आग्रह करूंगा कि हम जो खरीदेंगे वह भी स्वदेशी हो।