फ्रांस ने भारतीय जल क्षेत्र में रूसी तेल ले जा रहे जहाज को रोका

फ्रांस की नौसेना का कार्रवाई
हाल ही में, एक जहाज जो भारत की ओर कच्चा तेल लेकर आ रहा था, को फ्रांस की सेना ने घेर लिया। इस जहाज का कप्तान एक चीनी नागरिक था और यह रूस से 7.5 लाख बैरल कच्चा तेल लेकर आ रहा था। फ्रांस की नौसेना ने इस जहाज पर अचानक हमला किया, जिससे वैश्विक स्तर पर हलचल मच गई। यह जहाज भारतीय जल क्षेत्र में प्रवेश कर रहा था, और इसमें रूसी तेल था। ऐसे समय में जब रूस, भारत और चीन के बीच सहयोग हो रहा था, फ्रांस ने इस मामले में हस्तक्षेप किया।
कैप्टन और चालक दल की गिरफ्तारी
फ्रांस की नौसेना ने जहाज को अटलांटिक तट पर रोककर इसके कप्तान, उप-कप्तान और चालक दल के अन्य सदस्यों को गिरफ्तार कर लिया। फ्रांस ने यह भी घोषणा की है कि कप्तान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
भारत और रूस की प्रतिक्रिया
इस घटना के बाद, रूस और भारत ने तुरंत प्रतिक्रिया दी। जब फ्रांस ने यह दावा किया कि उसने रूसी तेल पर कार्रवाई की है, उसी समय भारत ने यूरोप को डीजल निर्यात में रिकॉर्ड बनाया। सितंबर में, भारत का डीजल निर्यात यूरोप के लिए अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। यह महत्वपूर्ण है कि भारत ने रूसी तेल को प्रोसेस कर यूरोपीय देशों को बेचा।
पुतिन की चेतावनी
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस घटना को समुद्री डकैती करार दिया और कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा में बिना किसी कारण के किया गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि फ्रांस को इसके परिणाम भुगतने होंगे। पुतिन ने यह भी कहा कि रूस कभी भी कमजोरी नहीं दिखाएगा और उसकी प्रतिक्रिया प्रभावशाली होगी।
जी-7 देशों का प्रभाव
कुछ समय पहले, जी-7 देशों ने घोषणा की थी कि वे उन देशों को सबक सिखाएंगे जो अभी भी रूसी तेल खरीद रहे हैं। फ्रांस इस जी-7 समूह का हिस्सा है, और यह संभव है कि उसने अपने देश में चल रहे दंगों से ध्यान हटाने के लिए इस जहाज को पकड़ा।