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फ्रांस में राजनीतिक संकट: क्या मैक्रों को मिलेगा नया प्रधानमंत्री?

फ्रांस में राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है, जहां राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों नए प्रधानमंत्री की नियुक्ति की योजना बना रहे हैं। संसद में बहुमत की कमी और आर्थिक चुनौतियों के बीच, मैक्रों को एक मजबूत नेता की आवश्यकता है जो राजनीतिक गतिरोध को समाप्त कर सके। क्या वे एक वामपंथी नेता चुनेंगे या किसी तटस्थ व्यक्ति को लाएंगे? इस स्थिति में मैक्रों के लिए यह एक निर्णायक मोड़ है, जो उनके राजनीतिक भविष्य को प्रभावित कर सकता है। जानें इस संकट के पीछे की पूरी कहानी।
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फ्रांस में राजनीतिक संकट: क्या मैक्रों को मिलेगा नया प्रधानमंत्री?

फ्रांस में राजनीतिक संकट की गहराई


फ्रांस में राजनीतिक संकट: फ्रांस में राजनीतिक अस्थिरता एक बार फिर से बढ़ती नजर आ रही है। जापान के बाद अब फ्रांस में भी सरकार को नया नेतृत्व मिलने की संभावना है। राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों देश को आर्थिक संकट और राजनीतिक गतिरोध से उबारने के लिए एक नए प्रधानमंत्री की नियुक्ति करने जा रहे हैं। यह निर्णय ऐसे समय में लिया जा रहा है जब मैक्रों अपने दूसरे कार्यकाल के मध्य बिंदु पर हैं और 2027 के राष्ट्रपति चुनाव से पहले खुद को एक मजबूत नेता के रूप में स्थापित करना चाहते हैं.


संसद में बहुमत की कमी

राष्ट्रपति मैक्रों की सबसे बड़ी चुनौती यह है कि उनकी सरकार को फ्रांसीसी संसद के निचले सदन, नेशनल असेंबली में पूर्ण बहुमत प्राप्त नहीं है। यह अल्पमत सरकार विपक्षी दलों की आलोचना और असहमति का सामना कर रही है। इसके अलावा, राष्ट्रपति के अपने गठबंधन के भीतर से भी असंतोष की आवाजें उठ रही हैं। गत सप्ताह निवर्तमान प्रधानमंत्री सेबेस्टियन लेकोर्नु ने अपनी नई कैबिनेट के गठन के कुछ ही घंटों बाद इस्तीफा दे दिया, जिससे मैक्रों पर राष्ट्रपति पद छोड़ने या संसद को भंग करने का दबाव बढ़ गया।


आर्थिक संकट की चुनौतियाँ

फ्रांस इस समय गंभीर आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है। देश पर सार्वजनिक ऋण का बोझ लगातार बढ़ता जा रहा है, जो अब GDP के 114% तक पहुंच चुका है, यानी लगभग 33.46 खरब यूरो। राष्ट्रीय सांख्यिकी संस्थान की हालिया रिपोर्ट में बताया गया है कि देश की गरीबी दर भी 15.4 प्रतिशत तक पहुंच गई है, जो 1996 के बाद सबसे अधिक है। यह सब दर्शाता है कि फ्रांस को केवल राजनीतिक समाधान नहीं, बल्कि आर्थिक मोर्चे पर भी कठोर फैसलों की आवश्यकता है।


नए प्रधानमंत्री के लिए संभावनाएँ

नए प्रधानमंत्री के चयन को लेकर कई संभावनाएँ सामने आ रही हैं। मैक्रों एक ऐसी शख्सियत को चुन सकते हैं जो वामपंथी सोच रखती हो और जिसने हाल के चुनावों में गठबंधन को मजबूती दी हो। वहीं, यह भी संभव है कि वे किसी तटस्थ और सर्वस्वीकार्य नेता को सामने लाएं, जिससे राजनीतिक गतिरोध कुछ हद तक शांत किया जा सके। नए प्रधानमंत्री को संसदीय अविश्वास प्रस्ताव से बचने के लिए तत्काल राजनीतिक समझौतों का सहारा लेना पड़ सकता है, खासकर पेंशन सुधार जैसे विवादित मुद्दों पर।


लेकोर्नु की विदाई और विपक्ष की संभावनाएँ

प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले सेबेस्टियन लेकोर्नु ने दावा किया है कि मैक्रों के मध्यमार्गी गुट, उनके सहयोगी और कुछ विपक्षी दल मिलकर बहुमत की सरकार बना सकते हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी स्वीकार किया कि यह रास्ता सरल नहीं होगा। फ्रांस में यह राजनीतिक संकट तब शुरू हुआ जब मैक्रों ने जून 2024 में नेशनल असेंबली को अचानक भंग कर दिया था। इसके बाद हुए चुनावों में कोई भी दल बहुमत नहीं जुटा सका, और देश एक अस्थिर राजनीतिक दौर में फंस गया।


मैक्रों के लिए निर्णायक मोड़

यह स्थिति राष्ट्रपति मैक्रों के लिए बेहद निर्णायक मोड़ है। उन्हें राजनीतिक अस्तित्व बचाने के साथ-साथ आर्थिक सुधारों और सामाजिक असंतोष को भी संतुलित करना है। नया प्रधानमंत्री न केवल देश को स्थिरता की ओर ले जा सकता है, बल्कि मैक्रों के लिए यह मौका हो सकता है कि वे अपने नेतृत्व की विश्वसनीयता दोबारा स्थापित करें। यदि यह प्रयास विफल रहा, तो 2027 का राष्ट्रपति चुनाव उनके लिए और भी कठिन हो सकता है।