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बांग्लादेश ने भारत से शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत से पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए एक आधिकारिक अनुरोध भेजा है। यह कदम इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल द्वारा हसीना को मौत की सजा सुनाए जाने के बाद उठाया गया है, जिससे दोनों देशों के बीच कूटनीतिक तनाव बढ़ गया है। इस लेख में, हम इस मामले की पृष्ठभूमि, भारत के विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया और लॉ एडवाइजर की टिप्पणियों पर चर्चा करेंगे।
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बांग्लादेश ने भारत से शेख हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की

बांग्लादेश की सरकार का आधिकारिक अनुरोध


नई दिल्ली: बांग्लादेश की अंतरिम प्रशासन ने भारत को पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के प्रत्यर्पण के लिए एक आधिकारिक पत्र भेजा है। यह कदम इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल द्वारा हसीना को मौत की सजा सुनाए जाने के बाद उठाया गया है, जिससे भारत और बांग्लादेश के बीच कूटनीतिक तनाव बढ़ गया है.


अनुरोध की जानकारी

फॉरेन अफेयर्स एडवाइजर तौहीद हुसैन ने बताया कि यह पत्र शुक्रवार को नई दिल्ली को भेजा गया था, लेकिन इसके विवरण के बारे में कोई अतिरिक्त जानकारी साझा नहीं की गई। 17 नवंबर को इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल ने 78 वर्षीय शेख हसीना और उस समय के गृह मंत्री असदुज्जमां खान कमाल को मानवता के खिलाफ अपराधों के मामले में मौत की सजा सुनाई थी। यह मामला उनकी अनुपस्थिति में चला, क्योंकि वे इस समय भारत में हैं.


तीसरे आरोपी की सजा

तीसरे आरोपी, पूर्व पुलिस प्रमुख चौधरी अब्दुल्ला अल मामून को पांच साल की जेल की सजा सुनाई गई है, क्योंकि उन्होंने सरकारी गवाह बनने का निर्णय लिया। पिछले साल छात्रों के विरोध प्रदर्शन के बाद शेख हसीना की सरकार गिर गई थी। 5 अगस्त को हुए हिंसक विद्रोह के दौरान हजारों छात्रों ने अवामी लीग सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। तीन दिन बाद, छात्रों के निमंत्रण पर नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस पेरिस से ढाका पहुंचे और अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार बने.


भारत के विदेश मंत्रालय की प्रतिक्रिया

बांग्लादेश सरकार ने पिछले साल दिसंबर में भी भारत को एक डिप्लोमैटिक नोट भेजकर हसीना के प्रत्यर्पण की मांग की थी। उस समय भारत ने केवल इस नोट के प्राप्त होने की पुष्टि की थी, लेकिन पिछले हफ्ते ट्रिब्यूनल के फैसले के बाद भारत के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी किया कि भारत ने इस मामले का संज्ञान लिया है। भारत ने कहा कि वह बांग्लादेश में शांति, लोकतंत्र, स्थिरता और समावेशिता के लिए हमेशा सकारात्मक भूमिका निभाएगा.


लॉ एडवाइजर की टिप्पणी

लॉ एडवाइजर आसिफ नजरुल ने कहा है कि अंतरिम सरकार हसीना और कमाल को वापस लाने के लिए सभी कानूनी विकल्पों पर विचार कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट का दरवाजा भी खटखटा सकती है। उनका कहना है कि अब दोनों आरोपी भगोड़े घोषित हो चुके हैं और भारत की जिम्मेदारी है कि उन्हें वापस भेजे। उन्होंने यह भी बताया कि जल्द ही इस मुद्दे पर एक बैठक में अंतिम निर्णय लिया जाएगा.