बांग्लादेश-भारत संबंधों में तनाव: ढाका की राजनयिक मौजूदगी पर विचार
बांग्लादेश की राजनयिक स्थिति पर विचार
नई दिल्ली: बांग्लादेश के विदेश मामलों के सलाहकार तौहीद हुसैन ने रविवार को कहा कि यदि स्थिति बिगड़ती है, तो ढाका भारत में अपनी राजनयिक उपस्थिति को कम करने पर विचार कर सकता है। यह टिप्पणी हाल की सुरक्षा घटनाओं और विरोध प्रदर्शनों के संदर्भ में की गई। हुसैन ने एक प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि वर्तमान में बांग्लादेश भारत पर भरोसा कर रहा है, लेकिन यदि हालात प्रतिकूल होते हैं, तो अन्य विकल्पों पर भी विचार किया जाएगा।
दिल दहला देने वाली घटना
इस घटनाक्रम के पीछे बांग्लादेश के मैमनसिंह जिले के भालुका क्षेत्र में हुई एक दुखद घटना है। यहां 27 वर्षीय गारमेंट फैक्ट्री श्रमिक दीपू चंद्र दास को कथित ईशनिंदा के आरोप में एक उग्र भीड़ ने बेरहमी से पीट-पीटकर मार डाला और उसके शव को आग के हवाले कर दिया। यह घटना मुहम्मद यूनुस के शासनकाल में कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति और भीड़तंत्र के बढ़ते प्रभाव को दर्शाती है।
हालांकि, रैपिड एक्शन बटालियन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बांग्लादेशी मीडिया को बताया कि अब तक ऐसा कोई सबूत नहीं मिला है जिससे यह साबित हो सके कि दीपू चंद्र दास ने सोशल मीडिया पर कोई आपत्तिजनक पोस्ट की थी।
नई दिल्ली में विरोध प्रदर्शन
नई दिल्ली में विरोध और भारत की सफाई
इस हत्या के खिलाफ 20 दिसंबर को नई दिल्ली में बांग्लादेश हाई कमीशन के सामने कुछ युवाओं ने प्रदर्शन किया। भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने स्पष्ट किया कि इस दौरान हाई कमीशन की बाड़ तोड़ने या सुरक्षा में सेंध लगाने की कोई कोशिश नहीं हुई। उन्होंने कहा कि पुलिस ने कुछ ही मिनटों में प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर कर दिया और स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में रही।
Our response to media queries regarding the reported demonstration in front of the Bangladesh High Commission in New Delhi on 20 December 2025 ⬇️
— Randhir Jaiswal (@MEAIndia) December 21, 2025
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भारत की चिंता
अल्पसंख्यकों की सुरक्षा पर भारत की चिंता
रणधीर जायसवाल ने कहा कि भारत बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों को लेकर गंभीर रूप से चिंतित है। भारत ने बांग्लादेश सरकार से दीपू चंद्र दास की हत्या के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने की मांग की है। उन्होंने यह भी दोहराया कि भारत वियना कन्वेंशन के तहत विदेशी मिशनों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
बांग्लादेश का प्रतिक्रिया
बांग्लादेश का पलटवार
तौहीद हुसैन ने भारत के आधिकारिक बयान को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि भारतीय प्रेस नोट में घटनाओं को बेहद सरल रूप में पेश किया गया है, जबकि जमीनी हकीकत कहीं अधिक जटिल है। हुसैन ने सवाल उठाया कि प्रदर्शनकारी राजनयिक क्षेत्र के इतने करीब कैसे पहुंच गए। उन्होंने यह भी कहा कि दीपू चंद्र दास की हत्या को बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति से जोड़ना उचित नहीं है और बांग्लादेश इस मामले में अपनी कानूनी कार्रवाई करेगा।
राजनयिक तनाव का बढ़ता स्तर
बढ़ता राजनयिक तनाव
विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटनाक्रम भारत-बांग्लादेश संबंधों में तनाव के नए संकेत देता है। आने वाले दिनों में दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संवाद की भूमिका महत्वपूर्ण होगी ताकि हालात को बिगड़ने से रोका जा सके।
