बांग्लादेश में उस्मान फारूक हादी की हत्या के बाद सुरक्षा व्यवस्था में बड़ा बदलाव
बांग्लादेश की राजनीति में उथल-पुथल
नई दिल्ली: इंकलाब मंच के प्रवक्ता उस्मान फारूक हादी की हत्या ने बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति को हिला कर रख दिया है। इस चौंकाने वाली घटना ने नेताओं की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं। सरकार और सुरक्षा एजेंसियां अब पूरी तरह से सतर्क हो गई हैं और संभावित खतरों के मद्देनजर सुरक्षा उपायों को बढ़ा रही हैं।
127 नेताओं की सुरक्षा पर खतरा
पुलिस और खुफिया एजेंसियों ने मिलकर 127 नेताओं की एक सूची बनाई है, जिनकी जान को खतरा बताया गया है। इस सूची में अवामी लीग और जातीय पार्टी के नेताओं को छोड़कर लगभग सभी प्रमुख राजनीतिक दलों के नेता शामिल हैं। इसमें बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी), जमात-ए-इस्लामी, और नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) के शीर्ष नेता भी शामिल हैं।
सुरक्षा की व्यापक योजना
यह सूची केवल ढाका तक सीमित नहीं है, बल्कि देश के विभिन्न जिलों के प्रभावशाली नेताओं को भी इसमें शामिल किया गया है। सूत्रों के अनुसार, यह रिपोर्ट सरकार को सौंपी गई है, जिसमें यह स्पष्ट किया गया है कि किन नेताओं को किस कारण से खतरा है और सुरक्षा बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण सिफारिशें की गई हैं।
विशेष सुरक्षा उपाय
रिपोर्ट में नेताओं के आवास पर पुलिस तैनात करने, निजी सुरक्षा गार्ड उपलब्ध कराने और अन्य सुरक्षात्मक उपायों की सिफारिश की गई है। विशेष रूप से पिछले साल जुलाई में हुए आंदोलन से जुड़े नेताओं को प्राथमिकता दी गई है, क्योंकि उन्हें अधिक खतरे की आशंका है।
सरकार का हथियार उपलब्ध कराने का निर्णय
सुरक्षा के साथ-साथ, सरकार ने खतरे में पड़े नेताओं को हथियार उपलब्ध कराने का निर्णय भी लिया है। अब तक 73 लोगों ने हथियार लाइसेंस के लिए आवेदन किया है, जिनमें से 20 को अनुमति मिल चुकी है। जिन नेताओं को सुरक्षा दी गई है, उनमें नेशनल सिटिजन पार्टी के संयोजक नाहिद इस्लाम और अन्य प्रमुख नेता शामिल हैं।
हत्या के बाद की सरकारी कार्रवाई
पुलिस मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, उस्मान फारूक हादी की हत्या के बाद उच्चस्तरीय बैठकें लगातार हो रही हैं। गृह मंत्रालय के निर्देश पर, पुलिस महानिरीक्षक ने सभी इकाइयों को संभावित खतरे वाले नेताओं की सूची तैयार करने का आदेश दिया है। इसके बाद कई नेताओं के घरों पर पुलिस की तैनाती की गई है।
खुफिया एजेंसियों की चेतावनी
खुफिया एजेंसियों ने सरकार को चेतावनी दी है कि एक संगठित समूह सीमावर्ती क्षेत्रों में तनाव फैलाने की कोशिश कर रहा है। बताया गया है कि 13वें राष्ट्रीय संसद चुनाव की घोषणा के बाद से यह समूह देश में अस्थिरता पैदा करने की साजिश कर रहा है।
चुनाव से पहले सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करना
बांग्लादेश पुलिस के महानिरीक्षक बहारुल आलम ने कहा कि नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है। अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए सख्त कार्रवाई की जाएगी और देश की शांति भंग करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। चुनावी सभाओं और संवेदनशील क्षेत्रों में पुलिस गश्त बढ़ा दी गई है।
