बांग्लादेश में चुनावी संकट: अमेरिका ने अवामी लीग पर प्रतिबंध हटाने की मांग की
बांग्लादेश की राजनीति में नया मोड़
नई दिल्ली: बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति में एक महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल रहा है। अमेरिका ने अंतरिम सरकार के सलाहकार मोहम्मद यूनुस को एक बड़ा झटका दिया है। अमेरिकी सांसदों ने अवामी लीग पर लगे प्रतिबंध को हटाने की अपील की है, साथ ही चेतावनी दी है कि किसी प्रमुख पार्टी को चुनाव से बाहर रखना लोकतंत्र के लिए हानिकारक होगा।
चुनाव से पहले की चेतावनी
यह चेतावनी फरवरी में होने वाले आम चुनाव से पहले आई है। अमेरिका का मानना है कि अवामी लीग के बिना चुनाव न तो निष्पक्ष होगा और न ही समावेशी। अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की विदेश मामलों की समिति के कुछ प्रमुख सदस्यों ने यूनुस को एक पत्र भेजा है।
पत्र में क्या कहा गया?
पत्र में यह उल्लेख किया गया है कि पूरी पार्टी पर प्रतिबंध लगाना लाखों मतदाताओं के अधिकारों का हनन है। अमेरिकी सांसदों ने कहा कि सामूहिक दोष लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे अंतरिम सरकार की भूमिका को समझते हैं, लेकिन किसी राजनीतिक दल को पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराना अनुचित है।
बांग्लादेश में मतदान पर अमेरिका की स्थिति
यह पत्र उस समय आया है जब जुलाई विद्रोह के बाद अवामी लीग और उसकी छात्र इकाई पर रोक लगी हुई है। अमेरिकी सांसदों ने इंटरनेशनल क्राइम्स ट्रिब्यूनल को उसके पुराने स्वरूप में बहाल करने की चिंता भी व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक गतिविधियों पर रोक से चुनाव की विश्वसनीयता प्रभावित होगी। अमेरिका ने बांग्लादेश में स्वतंत्र और शांतिपूर्ण मतदान की आवश्यकता पर जोर दिया है।
यूनुस और अमेरिकी विशेष दूत के बीच बातचीत
इस बीच, यूनुस ने अमेरिकी विशेष दूत सर्जियो गोर के साथ फोन पर बातचीत की। इस चर्चा में व्यापार, टैरिफ, चुनाव और लोकतांत्रिक बदलावों पर बात हुई। यूनुस ने कहा कि देश 12 फरवरी को चुनाव के लिए तैयार है और उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकार निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान कराएगी। हालांकि, उन्होंने आरोप लगाया कि अपदस्थ शासन के समर्थक चुनाव में बाधा डालने की कोशिश कर रहे हैं।
शेख हसीना का कड़ा बयान
पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस मुद्दे पर कड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अवामी लीग के बिना चुनाव लोकतंत्र नहीं, बल्कि राजतिलक होगा। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि पार्टी पर प्रतिबंध जारी रहा, तो लाखों लोग मतदान नहीं करेंगे।
हसीना ने कहा कि ऐसी सरकार को नैतिक वैधता नहीं मिलेगी और उन्होंने यूनुस सरकार को हिंसा और अल्पसंख्यकों पर हमलों के लिए जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत समेत पड़ोसी देश स्थिति पर नजर रखे हुए हैं।
