Newzfatafatlogo

बांग्लादेश में चुनावी संकट: तारिक रहमान की एकता की अपील और हिंसा की बढ़ती घटनाएं

बांग्लादेश में राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है, जहां आगामी संसदीय चुनाव को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं। बीएनपी के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान ने सभी लोकतंत्र समर्थक दलों से एकजुट होने की अपील की है, चेतावनी देते हुए कि यदि ऐसा नहीं हुआ, तो देश अराजकता की ओर बढ़ सकता है। चुनाव आयोग ने चुनावी माहौल को नियंत्रण में बताया है, लेकिन हाल की हिंसा ने स्थिति को और जटिल बना दिया है। प्रदर्शनकारियों की मांगें और सरकार की प्रतिक्रिया इस संकट को और बढ़ा रही हैं। जानें इस जटिल स्थिति के बारे में और क्या हो सकता है आगे।
 | 
बांग्लादेश में चुनावी संकट: तारिक रहमान की एकता की अपील और हिंसा की बढ़ती घटनाएं

बांग्लादेश में राजनीतिक संकट की गहराई


बांग्लादेश में राजनीतिक स्थिति गंभीर होती जा रही है। आगामी संसदीय चुनाव को लेकर बढ़ती हिंसा और प्रदर्शनों ने चिंता को जन्म दिया है। बीएनपी के कार्यवाहक अध्यक्ष तारिक रहमान ने सभी लोकतंत्र समर्थक दलों से एकजुट होने की अपील की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि ऐसा नहीं हुआ, तो देश अराजकता की ओर बढ़ सकता है।


तारिक रहमान की चेतावनी

तारिक रहमान ने कहा कि आने वाले दिन चुनौतीपूर्ण होंगे। देश की अर्थव्यवस्था पहले से ही कमजोर है और कई स्थानों पर अव्यवस्था फैलाने की कोशिशें हो रही हैं। उन्होंने सभी राजनीतिक दलों से सतर्क रहने और संगठित होने का आग्रह किया। उनका मानना है कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए एकता आवश्यक है, अन्यथा स्थिति और बिगड़ सकती है।


चुनाव आयोग की स्थिति

चुनाव आयोग का दावा


बांग्लादेश चुनाव आयोग ने सुरक्षा एजेंसियों के साथ बैठक के बाद कहा कि चुनावी माहौल सामान्यतः नियंत्रण में है। 12 फरवरी को होने वाले संसदीय चुनाव के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। आयोग ने हाल की हिंसा, विशेषकर उस्मान हादी की हत्या पर गहरी चिंता व्यक्त की है। चुनाव आयुक्तों का कहना है कि कुछ घटनाओं के बावजूद चुनाव प्रक्रिया सुरक्षित रूप से आगे बढ़ेगी।


प्रदर्शनकारियों की मांगें

शाहबाग चौराहे का नाम हादी चत्तर रखने की मांग


हादी की हत्या के बाद प्रदर्शनकारियों का गुस्सा बढ़ गया है। उनकी प्रमुख मांग है कि हत्यारों को तुरंत सजा दी जाए। इसके साथ ही गृह मामलों के सलाहकार जहांगीर आलम चौधरी के इस्तीफे की मांग भी उठ रही है। प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि हत्या के एक हफ्ते बाद भी कोई गिरफ्तारी नहीं हुई।


इंकिलाब मंचा ने सरकार को 24 घंटे का अल्टीमेटम दिया है। जनाजे के बाद हजारों लोग सड़कों पर उतरे और नारे लगाए। कुछ ने शाहबाग चौराहे का नाम हादी चत्तर रखने की मांग की।


सरकार की प्रतिक्रिया

सरकार की कार्रवाई


धार्मिक मामलों के सलाहकार खालिद हुसैन ने कहा कि अखबारों के दफ्तरों में आगजनी करने वालों की पहचान हो गई है और जल्द ही गिरफ्तारी की जाएगी। हिंदू युवक दीपू चंद्र दास की हत्या और सांस्कृतिक केंद्र पर हमले की कड़ी निंदा की गई है। सरकार ने स्पष्ट किया है कि कानून अपने हाथ में लेने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।


दोनों प्रमुख अखबारों ने तबाही के बावजूद प्रकाशन फिर से शुरू कर दिया है। बांग्लादेश में स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है। सभी पक्षों से संयम और बातचीत की उम्मीद की जा रही है ताकि चुनाव शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो सकें।