बांग्लादेश में तनाव: शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद बढ़ते विरोध प्रदर्शन
बांग्लादेश में स्थिति तनावपूर्ण
नई दिल्ली: बांग्लादेश में हालात लगातार तनावपूर्ण बने हुए हैं। छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी की मृत्यु के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन तेज हो गए हैं। राजधानी ढाका सहित अन्य शहरों में प्रदर्शन, नारेबाजी और सुरक्षा बलों की तैनाती देखी जा रही है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए अंतरिम सरकार ने सतर्कता बढ़ा दी है और शांति बनाए रखने की अपील की है।
जनाजे के कार्यक्रम में बदलाव
अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में प्रशासन ने शरीफ उस्मान हादी की नमाज-ए-जनाजा के कार्यक्रम में बदलाव की घोषणा की है। सरकार ने सोशल मीडिया पर बताया कि जनाजा अब 19 दिसंबर को दोपहर 2 बजे ढाका के जातीय संसद भवन के साउथ प्लाजा में होगा। पहले यह समय 2:30 बजे निर्धारित किया गया था।
प्रशासन ने जनाज़े में शामिल होने वालों के लिए कड़े सुरक्षा निर्देश जारी किए हैं। लोगों से अनुरोध किया गया है कि वे किसी भी प्रकार का बैग या भारी सामान न लाएं। संसद भवन और उसके आसपास के क्षेत्रों में ड्रोन उड़ाने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है।
सिंगापुर से लाया गया पार्थिव शरीर
तनाव उस समय और बढ़ गया जब शरीफ उस्मान हादी का शव सिंगापुर से बांग्लादेश लाया गया। अंतरिम सरकार ने पुष्टि की कि बांग्लादेश एयरलाइंस की उड़ान से शुक्रवार शाम उनका पार्थिव शरीर ढाका के हजरत शाहजलाल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंचा। हादी 'इंकलाब मंच' के प्रवक्ता थे और पिछले वर्ष हुए जुलाई आंदोलन के बाद उभरे प्रमुख चेहरों में गिने जाते थे। संगठन ने अपने समर्थकों से शांति बनाए रखने और किसी भी बाहरी उकसावे से दूर रहने की अपील की है।
ढाका में प्रदर्शन तेज
हादी की मृत्यु के बाद ढाका के शाहबाग चौराहे समेत कई स्थानों पर प्रदर्शन तेज हो गए हैं। सोशल मीडिया पर कुछ संवेदनशील स्थानों के पास विरोध प्रदर्शनों के वीडियो भी सामने आए हैं। हालात को काबू में रखने के लिए बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश के जवानों को एयरपोर्ट, करवान बाजार और होटल इंटरकॉन्टिनेंटल जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में तैनात किया गया है। अमेरिकी दूतावास ने भी अपने नागरिकों के लिए सुरक्षा एडवाइजरी जारी की है।
ढाका यूनिवर्सिटी में नाम बदलने की मांग
ढाका यूनिवर्सिटी में शेख मुजीबुर रहमान के नाम पर बने एक छात्रावास का नाम बदलकर शरीफ उस्मान हादी के नाम पर रखने की मांग भी उठी है। हॉल यूनियन के कुछ नेताओं ने हॉल गेट पर नया बैनर लगाया और दावा किया कि छात्रों के बहुमत ने इस मांग का समर्थन किया है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इस मुद्दे पर अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है।
हिंदू युवक की हत्या से बढ़ी चिंता
इसी बीच, मयमनसिंह जिले के भालुका इलाके में हिंदू गारमेंट वर्कर दीपू चंद्र दास की हत्या ने हालात को और संवेदनशील बना दिया है। बांग्लादेश हिंदू बौद्ध ईसाई यूनिटी काउंसिल ने इस घटना की कड़ी निंदा की है और दोषियों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है। अंतरिम सरकार ने भी बयान जारी कर कहा है कि देश में किसी भी प्रकार की सांप्रदायिक हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रियाएं
संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने हादी की हत्या को लेकर त्वरित, निष्पक्ष और पारदर्शी जांच की मांग की है। वहीं, भारत में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने दीपू चंद्र दास की हत्या पर चिंता जताते हुए अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की अपील की है।
बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP) ने हालिया हिंसा को फरवरी 2026 में प्रस्तावित राष्ट्रीय चुनावों को अस्थिर करने की साजिश बताया है और शांति बनाए रखने की अपील की है।
