बांग्लादेश में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ बढ़ते तनाव के बीच धमाकों की श्रृंखला
बांग्लादेश में बढ़ता तनाव
नई दिल्ली: बांग्लादेश में रविवार की रात को हुए कई धमाकों और आगजनी की घटनाओं ने स्थिति को और अधिक तनावपूर्ण बना दिया है। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) का महत्वपूर्ण फैसला आने वाला है, और इससे पहले देश में अशांति फैल गई है। हसीना पर पिछले साल के छात्र आंदोलन के दौरान मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोप हैं, और यदि वे दोषी ठहराई जाती हैं, तो उन्हें मृत्युदंड का सामना करना पड़ सकता है.
विद्रोह से संबंधित मामले पर निर्णय
न्यायाधिकरण जुलाई 2024 में हुए हिंसक छात्र विद्रोह से जुड़े मामलों पर अपना निर्णय सुनाने वाला है। अभियोजन पक्ष ने हसीना और पूर्व गृहमंत्री असदुज्जमां खान कमाल के लिए कड़ी सजा की मांग की है। चूंकि दोनों देश में नहीं हैं, इसलिए उन पर अनुपस्थिति में मुकदमा चलाया गया है। हसीना वर्तमान में भारत में निर्वासन में रह रही हैं.
हसीना का संदेश
फैसले से पहले, अवामी लीग के आधिकारिक फेसबुक पेज पर हसीना का एक ऑडियो संदेश जारी किया गया। इसमें उन्होंने पार्टी समर्थकों से सरकारी प्रतिबंधों की अनदेखी कर विरोध प्रदर्शन जारी रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि डरने की कोई आवश्यकता नहीं है। मैं जिंदा हूं और जनता के साथ रहूंगी।
अवामी लीग ने सोमवार को राष्ट्रव्यापी बंद का आह्वान किया है, जिसे वे राजनीतिक प्रतिशोध का मुकदमा मानते हैं। अपने संदेश में, हसीना ने समर्थकों की प्रशंसा की और अंतरिम सरकार की नीतियों का विरोध तेज करने का आग्रह किया।
अंतरिम सरकार पर गंभीर आरोप
हसीना ने मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार पर उन्हें सत्ता से हटाने और उनके समर्थकों पर अत्याचार करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं को स्कूलों में प्रवेश से रोका गया, उन पर हमले हुए और उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि देश को उग्रवाद की ओर धकेला जा रहा है और हत्याओं तथा आगजनी में शामिल अपराधियों को संरक्षण दिया जा रहा है।
मुकदमे की वैधता पर सवाल
78 वर्षीय पूर्व प्रधानमंत्री ने ICT के मुकदमे को अवैध बताया। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ लगाए गए सभी आरोप झूठे और राजनीतिक प्रेरित हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि न्यायाधिकरण ने 1973 के युद्ध अपराध कानून का उल्लंघन किया है। हसीना ने दोहराया कि जुलाई की हिंसा के दौरान उन्होंने किसी भी कार्रवाई का आदेश नहीं दिया था और कहा कि घटनाओं के पीछे "यूनुस के समर्थकों" का हाथ था।
ढाका में धमाकों की घटनाएं
पिछले तीन दिनों में ढाका में कई देसी बम विस्फोट, वाहनों में आगजनी और पुलिस स्टेशनों पर हमले की घटनाएं सामने आई हैं। रविवार रात सलाहकार सैयदा रिज़वाना हसन के घर के बाहर दो बम फटे, जबकि कारवां बाजार में भी विस्फोट हुआ। पुलिस ने कई स्थानों पर बसों और कूड़ा-कचरा डिपो में आग लगाए जाने की पुष्टि की है। ढाका पुलिस आयुक्त ने हिंसक उपद्रवियों पर गोली चलाने का अधिकार भी दे दिया है।
सुरक्षा व्यवस्था में कड़ाई
10 नवंबर से अब तक राजधानी में कई बार तड़के विस्फोट हुए हैं। ग्रामीण बैंक मुख्यालय और उसकी शाखाओं को भी निशाना बनाया गया। स्थिति बिगड़ने के बाद देखते ही गोली मारने के आदेश जारी किए गए हैं। अंतरिम सरकार ने फरवरी में चुनाव कराने का वादा किया था, लेकिन अवामी लीग ने चुनाव प्रक्रिया से बाहर किए जाने पर सोशल मीडिया पर व्यापक अभियान छेड़ दिया है और दावा किया है कि हजारों समर्थकों को गिरफ्तार किया गया है।
मौतों के आंकड़ों पर विवाद
संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के अनुसार, हालिया अशांति में 1,400 से अधिक लोगों की जान गई, जबकि सरकारी आंकड़े 800 मौतों और 14,000 घायलों की पुष्टि करते हैं। हसीना ने इन आंकड़ों पर भी सवाल उठाए और स्वतंत्र जांच की मांग की है.
