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बांग्लादेश में प्राथमिक स्कूलों में संगीत और शारीरिक शिक्षा की भर्ती रद्द

बांग्लादेश की सरकार ने प्राथमिक स्कूलों में संगीत और शारीरिक शिक्षा के शिक्षकों की भर्ती को रद्द कर दिया है। यह निर्णय कट्टरपंथी इस्लामी संगठनों के दबाव में लिया गया है, जिन्होंने लंबे समय से संगीत को इस्लाम के खिलाफ बताया है। शिक्षा मंत्रालय ने इस बदलाव की अधिसूचना जारी की है, जिससे देश की धर्मनिरपेक्ष छवि पर सवाल उठ रहे हैं। कई शिक्षाविदों ने इस कदम की आलोचना की है, इसे कट्टरपंथी विचारधारा को बढ़ावा देने वाला बताया है।
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बांग्लादेश में प्राथमिक स्कूलों में संगीत और शारीरिक शिक्षा की भर्ती रद्द

बांग्लादेश सरकार का विवादास्पद निर्णय

बांग्लादेश की सरकार ने प्राथमिक विद्यालयों में संगीत और शारीरिक शिक्षा के शिक्षकों की नियुक्ति को पूरी तरह से रद्द कर दिया है। मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह निर्णय कट्टरपंथी इस्लामी समूहों के दबाव में लिया गया है, जिन्होंने लंबे समय से संगीत को इस्लाम के खिलाफ बताते हुए इन पदों को समाप्त करने की मांग की थी।



शिक्षा मंत्रालय ने इस बदलाव की अधिसूचना रविवार को जारी की। मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव मसूद अख्तर खान ने बताया कि पिछले साल अगस्त में जारी भर्ती नियमों में चार प्रकार के पद शामिल थे, लेकिन अब केवल दो पद ही रखे गए हैं, जबकि संगीत और शारीरिक शिक्षा के सहायक शिक्षकों के पद हटा दिए गए हैं।


बांग्लादेश की प्रमुख इस्लामी राजनीतिक पार्टी जमात-ए-इस्लामी (JeI) और हिफाजत-ए-इस्लाम संगठन ने स्कूलों में संगीत को पाठ्यक्रम में शामिल करने का विरोध किया। हिफाजत-ए-इस्लाम के वरिष्ठ नेता साजिदुर रहमान ने कहा कि संगीत इस्लामी सिद्धांतों के खिलाफ है और इसे बच्चों पर थोपना धर्म के खिलाफ एक साजिश है।


शिक्षा विशेषज्ञ राशेदा चौधरी ने इस निर्णय को शर्मनाक और डरपोक बताया। उन्होंने कहा कि सरकार को यह दिखाना चाहिए था कि संगीत और धार्मिक शिक्षा एक साथ चल सकते हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि हम किस प्रकार का समाज बनाना चाहते हैं। कई शिक्षाविदों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने चेतावनी दी है कि यूनुस सरकार का यह कदम कट्टरपंथी विचारधारा को बढ़ावा देता है।


उनका कहना है कि यह निर्णय अफगानिस्तान के तालिबान शासन की याद दिलाता है, जहां स्कूलों में संगीत, कला और सह-शैक्षणिक गतिविधियों पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया था। बांग्लादेश की राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2010 में संगीत और कला शिक्षा को रचनात्मक विकास का अनिवार्य हिस्सा माना गया था, लेकिन हाल की राजनीतिक अस्थिरता और धार्मिक दबावों के बीच यूनुस सरकार का यह कदम देश की धर्मनिरपेक्ष छवि पर सवाल खड़ा कर रहा है।