बांग्लादेश में बढ़ती अशांति: क्या है इसके पीछे की साजिश?
बांग्लादेश में हालिया हिंसा का राजनीतिक विश्लेषण
नई दिल्ली: बांग्लादेश में हाल के दिनों में हुई हिंसा और विरोध प्रदर्शनों के पीछे एक महत्वपूर्ण राजनीतिक रहस्य सामने आया है। बांग्लादेश की प्रमुख विपक्षी पार्टी, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (BNP), ने भारत पर लगाए गए आरोपों को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता मिर्जा अब्बास ने स्पष्ट किया है कि देश में चल रही अशांति किसी बाहरी हस्तक्षेप का परिणाम नहीं है, बल्कि यह एक सोची-समझी आंतरिक साजिश का हिस्सा है। उनके इस बयान ने मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस और अंतरिम सरकार की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं।
साजिश का आरोप
मिर्जा अब्बास ने कहा कि हाल की हिंसक घटनाएं अचानक नहीं हुईं, बल्कि इसके पीछे एक संगठित राजनीतिक योजना है। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक दल जानबूझकर देश में अस्थिरता फैलाने का प्रयास कर रहे हैं ताकि अपने स्वार्थों को पूरा कर सकें। उनका मानना है कि ये ताकतें बीएनपी के कार्यकारी चेयरमैन तारिक रहमान की बांग्लादेश वापसी से चिंतित हैं।
तारिक रहमान की वापसी का प्रभाव
मिर्जा अब्बास ने बताया कि जैसे ही तारिक रहमान ने बांग्लादेश लौटने की घोषणा की, उसके बाद हत्या और हिंसा की घटनाएं बढ़ने लगीं। उन्होंने इसे महज संयोग मानने से इनकार करते हुए इसे एक पूर्व-निर्धारित साजिश का संकेत बताया। अब्बास ने कहा कि कुछ लोग अपनी राजनीतिक स्थिति को खतरे में देखकर देश को अराजकता की ओर धकेलने की कोशिश कर रहे हैं।
कार्यकर्ता बैठक में महत्वपूर्ण बयान
यह बयान शनिवार को ढाका के गोपीबाग में आयोजित बीएनपी की कार्यकर्ता बैठक में दिया गया। इस बैठक का उद्देश्य तारिक रहमान की संभावित वापसी का स्वागत करना था। मिर्जा अब्बास ने कार्यकर्ताओं से अपील की कि वे मौजूदा स्थिति से घबराएं नहीं और अफवाहों में न आएं। उन्होंने कहा कि तारिक रहमान की वापसी लोकतंत्र की पुनर्स्थापना का प्रतीक है।
मीडिया और सांस्कृतिक संस्थानों पर हमले
हाल के दिनों में बांग्लादेश में कई समाचार पत्रों और सांस्कृतिक संस्थानों पर हमले हुए हैं। 'द डेली स्टार' और 'प्रथम आलो' जैसे प्रतिष्ठित समाचार पत्रों के कार्यालयों में तोड़फोड़ और आगजनी की घटनाएं सामने आई हैं। इसके अलावा सांस्कृतिक संस्था 'छायानट' को भी निशाना बनाया गया। मिर्जा अब्बास ने इन घटनाओं की कड़ी निंदा करते हुए सवाल किया कि क्या ऐसी हरकतें देशभक्ति का प्रतीक हो सकती हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि ऐसे लोग देश के दुश्मन हैं।
सरकार और कानून प्रवर्तन पर आरोप
बीएनपी नेता ने अंतरिम सरकार और कानून प्रवर्तन एजेंसियों पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि प्रशासन आगजनी और भीड़ हिंसा को रोकने में पूरी तरह असफल रहा है। मिर्जा अब्बास ने कहा कि बीएनपी ने सरकार को सहयोग की पेशकश की थी, लेकिन उसे नजरअंदाज कर दिया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ राजनीतिक शक्तियां जानबूझकर हालात को बिगाड़ रही हैं ताकि चुनावी प्रक्रिया को बाधित किया जा सके।
चुनावों में बाधा डालने की साजिश
मिर्जा अब्बास ने यह भी कहा कि देश में चुनाव टालने और लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने की साजिश की जा रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि बीएनपी ऐसी किसी भी कोशिश को सफल नहीं होने देगी। बिना किसी दल का नाम लिए उन्होंने कहा कि कुछ ताकतें पहले पाकिस्तान का समर्थन करती थीं और बाद में बांग्लादेश के निर्माण का विरोध करती थीं। ऐसे लोग कभी भी देश में शांति नहीं चाहते।
जनता से सतर्क रहने की अपील
अपने भाषण के अंत में मिर्जा अब्बास ने जनता से अपील की कि वे हिंसा फैलाने वालों की चाल को समझें और लोकतंत्र के समर्थन में एकजुट रहें। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश को अस्थिर करने की कोई भी साजिश अंततः विफल होगी और देश फिर से लोकतांत्रिक रास्ते पर आगे बढ़ेगा।
