बांग्लादेश में राजनीतिक हलचल: जायमा रहमान का उदय
बांग्लादेश में चुनावी माहौल
बांग्लादेश में हालिया हिंसा और प्रदर्शनों के बीच चुनावों की चर्चा तेज हो गई है। इस संदर्भ में भारत और बांग्लादेश के संबंधों पर भी सवाल उठ रहे हैं। बांग्लादेश के गठन से लेकर अब तक भारत ने इस देश को जो सहायता दी है, वह महत्वपूर्ण है। शेख हसीना के निर्वासन के बाद, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) चुनाव में एक प्रमुख दावेदार के रूप में उभरी है। इस स्थिति में, जिया परिवार एक बार फिर से राजनीतिक चर्चा का केंद्र बन गया है। इस बार, केवल तारिक रहमान की 17 साल बाद वतन वापसी ही नहीं, बल्कि उनकी बेटी बैरिस्टर जायमा रहमान का राजनीति में कदम रखना भी महत्वपूर्ण है। जिया परिवार की चौथी पीढ़ी अब राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश करने की तैयारी कर रही है, जिससे यह घटना ढाका से दिल्ली तक महत्वपूर्ण मानी जा रही है। 25 दिसंबर को, तारिक रहमान अपनी पत्नी डॉक्टर जुबाईदा रहमान और बेटी जायमा के साथ लंदन से ढाका लौटे। एयरपोर्ट पर हजारों समर्थकों की उपस्थिति ने स्पष्ट कर दिया कि बीएनपी इसे केवल घर वापसी नहीं, बल्कि राजनीतिक पुनरागमन के रूप में देख रही है।
जायमा रहमान का परिचय
जायमा रहमान, बीएनपी के अध्यक्ष तारिक रहमान की इकलौती संतान हैं और बांग्लादेश की प्रमुख राजनीतिक हस्तियों, दिवंगत खालिदा जिया और पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान की पोती हैं। उन्होंने यूनाइटेड किंगडम में वकालत की पढ़ाई की है और पिछले 17 वर्षों से बांग्लादेश से बाहर रह रही हैं। अन्य राजनीतिक परिवारों के सदस्यों के विपरीत, जायमा का राजनीति में कोई औपचारिक अनुभव नहीं है, क्योंकि उन्होंने न तो किसी पार्टी में कोई पद संभाला है और न ही चुनाव लड़ा है। उनकी सार्वजनिक छवि अभी तक ज्यादा उभरकर सामने नहीं आई है, और उनका पेशेवर पहचान मुख्यतः लंदन में वकालत से जुड़ी है।
2001 का चुनाव और जायमा की यादें
जायमा पहली बार तब सुर्खियों में आईं जब वह 6 साल की थीं और 2001 के बांग्लादेशी चुनावों में अपनी दादी खालिदा जिया के साथ मतदान केंद्र गई थीं। बीएनपी ने उस चुनाव में भारी जीत हासिल की और उनकी दादी प्रधानमंत्री बनीं। हाल ही में, जायमा ने फेसबुक पर अपनी एक प्यारी याद साझा की, जब उन्हें फुटबॉल टूर्नामेंट जीतने के बाद खालिदा के कार्यालय ले जाया गया था। उन्होंने लिखा कि जब वह लगभग ग्यारह साल की थीं, तब उनकी हाई स्कूल की टीम ने एक फुटबॉल टूर्नामेंट जीता और उनकी माँ उन्हें सीधे दादी के दफ्तर ले गईं ताकि वह उन्हें अपना मेडल दिखा सकें।
जायमा रहमान और बांग्लादेश का जुलाई आंदोलन
हालांकि जायमा रहमान ने अब तक कोई औपचारिक पार्टी पद नहीं संभाला है, लेकिन हाल के महीनों में उनकी सक्रियता बढ़ी है। वे बीएनपी की बैठकों में शामिल हुई हैं और यूरोपीय प्रतिनिधियों से मुलाकात की है। यह सब संकेत दे रहे हैं कि उनकी भूमिका केवल पारिवारिक नहीं, बल्कि राजनीतिक भी होने जा रही है। 2021 में, जब अवामी लीग के मंत्री मुराद हसन ने उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की, तो जायमा ने पहली बार राजनीतिक कदम उठाए। इसके बाद, उन्होंने विभिन्न कार्यक्रमों में अपने पिता का प्रतिनिधित्व करना शुरू किया।
