बांग्लादेश में शेख हसीना की मौत की सजा के बाद भड़की हिंसा: क्या है हालात?
बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल
नई दिल्ली: बांग्लादेश की राजनीति में सोमवार को एक बड़ा तूफान आया। पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को एक विशेष अदालत ने अनुपस्थित रहने के कारण मौत की सजा सुनाई, जिसके बाद देशभर में हिंसा की लहर दौड़ गई। कई स्थानों पर झड़पें, गोलीबारी, बम धमाके और तोड़फोड़ की घटनाएं हुईं, जिससे सुरक्षा बलों को स्थिति को नियंत्रित करने में कठिनाई का सामना करना पड़ा। अब तक दो लोगों की मौत और कई अन्य के घायल होने की सूचना है।
ढाका में स्थिति गंभीर
ढाका में हालात सबसे ज्यादा तनावपूर्ण रहे। दंगाइयों ने बांग्लादेश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान के ऐतिहासिक निवास को जलाने का प्रयास किया। प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बलों ने लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े। अधिकारियों के अनुसार, प्रदर्शनकारियों पर काबू पाने के लिए ध्वनि ग्रेनेड का भी इस्तेमाल किया गया।
धानमंडी और मीरपुर रोड के आसपास भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। कई बाजार बंद कर दिए गए हैं और यातायात को रोका गया है। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पों का सिलसिला रातभर जारी रहा।
हसीना की सजा के बाद जश्न और संघर्ष
बरिसाल शहर में शेख हसीना को मौत की सजा सुनाए जाने पर कुछ लोगों ने मिठाइयां बांटनी शुरू कर दीं। इसी दौरान हसीना के समर्थकों और विरोधियों के बीच झड़प हो गई, जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई और कई अन्य घायल हुए। घायलों को शेर-ए-बांग्ला मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसी बीच, ढाका के पलाबी क्षेत्र में अज्ञात हमलावरों ने जुबो दल के एक स्थानीय नेता की हत्या कर दी, जिससे तनाव और बढ़ गया।
देशभर में बम धमाके
रविवार रात गोपालगंज जिले के कोटालीपारा पुलिस स्टेशन में हुए देसी बम धमाके में तीन पुलिसकर्मी घायल हो गए। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, यह हमला गश्त कर रहे सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाकर किया गया था। पूरे देश में अवामी लीग द्वारा बुलाए गए बंद के कारण स्थिति और भी अस्थिर हो गई है। सरकार ने केंद्रीय और स्थानीय सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट मोड पर रखा है।
अदालत का निर्णय
एक विशेष अदालत ने शेख हसीना को पिछले साल छात्रों के नेतृत्व वाले प्रदर्शनों पर कथित कठोर कार्रवाई के लिए मानवता के खिलाफ अपराध में दोषी ठहराया है। यह सजा उनकी अनुपस्थिति में सुनाई गई है, क्योंकि वे वर्तमान में विदेश में हैं। फैसले से पहले प्रदर्शनकारियों ने बुलडोजर लेकर धानमंडी-32 की ओर मार्च किया, जहां मुजीबुर्रहमान का घर है, लेकिन सुरक्षा बलों ने उन्हें रोक दिया।
सरकार का मीडिया पर नियंत्रण
हिंसा और तनाव को देखते हुए बांग्लादेश की राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा एजेंसी ने मीडिया को चेतावनी दी है कि वे शेख हसीना के किसी भी बयान या संदेश का प्रसारण न करें। एजेंसी का कहना है कि ऐसे संदेश सामाजिक तनाव, हिंसा और अव्यवस्था को बढ़ा सकते हैं। कुछ मीडिया संगठनों द्वारा हसीना के वीडियो और संदेशों का प्रसारण राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा हो सकता है।
