बांग्लादेश में शेख हसीना के खिलाफ बढ़ते तनाव और सुरक्षा उपाय
बांग्लादेश में विस्फोटों के बाद की स्थिति
रविवार की रात बांग्लादेश में हुए विस्फोटों और बढ़ती अशांति ने देश को हिला कर रख दिया है। अधिकारियों को अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) के संभावित फैसले से पहले स्थिति को नियंत्रित करने में कठिनाई हो रही है। हसीना को पिछले साल छात्रों के नेतृत्व वाले विद्रोह में सैन्य कार्रवाई के लिए दोषी ठहराया जा सकता है, जिसके लिए उन्हें मौत की सजा मिल सकती है।
अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण का फैसला
आईसीटी, जो पिछले साल के घातक विद्रोह से जुड़े मानवता के खिलाफ अपराधों पर अपना फैसला सुनाने वाला है, ने हसीना के लिए मौत की सजा की मांग की है। हसीना इस समय भारत में हैं और उनके खिलाफ मुकदमा उनकी अनुपस्थिति में चलाया गया है।
सुरक्षा व्यवस्था में कड़ी कार्रवाई
पुलिस को हिंसक प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाने का आदेश दिया गया है। हसीना ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं को घबराने से मना किया है। अभियोजन पक्ष ने हसीना के लिए अधिकतम सजा की मांग की है और उनकी संपत्ति जब्त करने का भी अनुरोध किया है।
अभियोजन पक्ष की मांगें
अभियोजक गाजी एमएच तमीम ने कहा कि हसीना को उच्चतम न्यायालय में फैसले को चुनौती देने से रोका जाएगा जब तक कि वह आत्मसमर्पण नहीं कर देतीं। गृह सलाहकार ने कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसियों ने अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली हैं।
हसीना के खिलाफ आरोप
हसीना, उनके पूर्व गृह मंत्री और तत्कालीन पुलिस महानिरीक्षक पर मानवता के खिलाफ अपराधों का आरोप है। अदालत ने पिछले साल इन तीनों के खिलाफ आरोप तय किए थे। हसीना ने आरोपों को झूठा बताया और कहा कि उन्हें बलात्कारी तरीके से सत्ता से हटाया गया।
हसीना का संदेश
हसीना ने अपने पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि उन्हें सजा के बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि वह देश के लोगों के लिए काम करती रहेंगी और आरोपों को पूरी तरह से झूठा बताया।
