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बांग्लादेश में शेख हसीना के खिलाफ हिंसा और तनावपूर्ण स्थिति

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को 'मानवता के खिलाफ अपराध' के मामले में मौत की सजा सुनाए जाने के बाद ढाका में स्थिति बिगड़ गई है। समर्थकों और विरोधियों के बीच झड़पें हुईं, जिससे कई स्थानों पर हिंसक प्रदर्शन भड़क उठे। सुरक्षा बलों ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस और ग्रेनेड का इस्तेमाल किया। जानें इस घटनाक्रम के पीछे की पूरी कहानी और ढाका में वर्तमान स्थिति के बारे में।
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बांग्लादेश में शेख हसीना के खिलाफ हिंसा और तनावपूर्ण स्थिति

बांग्लादेश में हालात बिगड़े


नई दिल्ली: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को 'मानवता के खिलाफ अपराध' के आरोप में मौत की सजा सुनाए जाने के बाद ढाका में स्थिति गंभीर हो गई है। जैसे ही अदालत का निर्णय आया, उनके समर्थकों और विरोधियों के बीच झड़पें शुरू हो गईं, जिससे कई स्थानों पर हिंसक प्रदर्शन भड़क उठे। सबसे बड़ा विवाद तब उत्पन्न हुआ जब प्रदर्शनकारियों ने बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान के निवास के अवशेषों को गिराने का प्रयास किया, जिसके चलते उनकी सुरक्षा बलों से भिड़ंत हो गई।


सुरक्षा बलों की कार्रवाई

रैपिड एक्शन बटालियन (RAB) ने प्रदर्शनकारियों को नियंत्रित करने के लिए लाठियों, ध्वनि ग्रेनेड और आंसू गैस का सहारा लिया। पुलिस ने बताया कि मीरपुर रोड पर कम से कम छह ग्रेनेड फटे। RAB के अधिकारी मसूद आलम ने पुष्टि की कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए कई साउंड ग्रेनेड का उपयोग किया गया। इस दौरान ईंटबाजी और लाठीचार्ज के कारण कई प्रदर्शनकारी और पुलिसकर्मी घायल हुए।


भीड़ को खदेड़ने की कोशिश

हालांकि सुरक्षा बलों ने कुछ समय के लिए भीड़ को खदेड़ दिया, लेकिन कुछ घंटों बाद प्रदर्शनकारियों का एक समूह पंथ पथ स्थित स्क्वायर अस्पताल के पास फिर से इकट्ठा हो गया। यहां भी पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े। लगातार हो रहे विरोध के कारण मीरपुर रोड और आसपास की सड़कों पर यातायात पूरी तरह से ठप हो गया, दुकानों के शटर बंद हो गए और स्थानीय लोगों में दहशत का माहौल बना रहा।


बंगबंधु भवन को गिराने की योजना

सूत्रों के अनुसार, प्रदर्शनकारी विरोध शुरू होने से पहले दो उत्खनन मशीनें लेकर आए थे, जिससे यह आशंका जताई जा रही है कि वे बंगबंधु के घर को पूरी तरह से गिराने की योजना बना कर आए थे। फरवरी में हुए एक अन्य प्रदर्शन में भी इसी भवन को नुकसान पहुंचाया गया था। इसके बाद से पुलिस ने मुख्य द्वार पर अवरोधक लगा दिए थे और किसी को भी भवन परिसर में प्रवेश की अनुमति नहीं थी।


शेख हसीना को मौत की सजा का कारण

अदालत ने अपने निर्णय में कहा कि हसीना आदेश देने और हिंसा के दौरान हुई हत्याओं को रोकने में असफल रही हैं। दूसरी ओर, शेख हसीना ने इस फैसले को धांधली वाले न्यायाधिकरण द्वारा सुनाया गया बताते हुए इसे पक्षपातपूर्ण और राजनीतिक प्रतिशोध का परिणाम करार दिया। उन्होंने कहा कि यह अदालत एक अनिर्वाचित सरकार द्वारा स्थापित की गई है, जिसके पास कोई जनादेश नहीं है।


ढाका में स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है और प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने और स्थिति को बिगाड़ने वाली गतिविधियों से दूर रहने की अपील की है।