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बांग्लादेश में शेख हसीना को मिली सजा, सुरक्षा व्यवस्था कड़ी

बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण द्वारा विरोध प्रदर्शनों के दमन के लिए सजा सुनाई गई है। इस फैसले के बाद ढाका में सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया है, जिसमें सेना और पुलिस की तैनाती शामिल है। रिपोर्टों के अनुसार, प्रदर्शनकारियों पर अत्यधिक बल का प्रयोग किया गया, जिससे भारी जनहानि हुई। जानें इस महत्वपूर्ण घटनाक्रम के बारे में और क्या हो रहा है ढाका में।
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बांग्लादेश में शेख हसीना को मिली सजा, सुरक्षा व्यवस्था कड़ी

बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल


नई दिल्ली: बांग्लादेश की राजनीतिक स्थिति में एक महत्वपूर्ण मोड़ आया है, जब अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (ICT) ने पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना को जुलाई-अगस्त 2024 में हुए विरोध प्रदर्शनों के दमन के लिए सजा सुनाई है। इस निर्णय के बाद ढाका में सुरक्षा बलों को उच्च सतर्कता पर रखा गया है, और पूरे शहर में सेना, पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती की गई है।


हसीना सरकार का दमनकारी रवैया

आईसीटी ने बताया कि हसीना की सरकार ने प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए अत्यधिक बल का प्रयोग किया। जजों ने अदालत में प्रस्तुत जांच रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि प्रदर्शनकारियों पर हेलीकॉप्टर और हथियारों का उपयोग करने का आदेश खुद हसीना ने दिया था। रिपोर्ट में यह भी उल्लेख है कि 5 अगस्त को सेना ने गोलीबारी की, जिससे कई लोगों की जान गई।


डॉक्टर को धमकाने का मामला

एक न्यायाधीश ने कहा कि हसीना सरकार ने एक डॉक्टर को धमकाया और छात्र कार्यकर्ता अबू सईद की पोस्टमार्टम रिपोर्ट को बदलने के लिए मजबूर किया। 16 जुलाई 2024 को पुलिस की गोलीबारी में अबू सईद की मौत ने छात्रों के नेतृत्व में आंदोलन को तेज कर दिया। डॉक्टर को धमकी दी गई कि यदि उन्होंने रिपोर्ट नहीं बदली, तो उन्हें प्रताड़ित किया जाएगा।


सख्त फैसला और जनहानि

अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण ने कहा कि हसीना ने सत्ता में बने रहने के लिए बल प्रयोग किया। जजों के अनुसार, विरोध प्रदर्शनों के दौरान सरकार ने दमनकारी कदम उठाए, जिससे व्यापक जनहानि हुई। अदालत में पेश रिपोर्टों के अनुसार, आदेश उच्च स्तर से दिए गए थे और प्रदर्शनकारियों को रोकने के लिए कई स्तरों पर हिंसक कार्रवाई की गई।


हेलीकॉप्टर और घातक हथियारों का उपयोग

सुनवाई के दौरान प्रस्तुत जांच रिपोर्ट में कहा गया कि हसीना ने आंदोलन को नियंत्रित करने के लिए हेलीकॉप्टरों का उपयोग करने और घातक हथियारों से हमले का निर्देश दिया। यह आदेश हसीना और दक्षिण ढाका नगर निगम के पूर्व मेयर शेख फजले नूर तपोश के बीच बातचीत का हिस्सा था।


5 अगस्त की गोलीबारी

आईसीटी के जजों के अनुसार, 5 अगस्त को ढाका में सेना ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाईं। रिपोर्टों में कहा गया कि कई घायल प्रदर्शनकारियों को चिकित्सा सहायता नहीं मिली। हेलीकॉप्टरों का उपयोग केवल निगरानी के लिए नहीं, बल्कि डराने-धमकाने के लिए भी किया गया।


भारी जनहानि की पुष्टि

न्यायाधीशों ने कहा कि जुलाई-अगस्त 2024 के दौरान हुए विरोध प्रदर्शनों में लगभग 1,400 लोग मारे गए और 24,000 से अधिक घायल हुए। अदालत ने इसे बांग्लादेश के इतिहास का सबसे भयावह दमन बताया।


ढाका में सुरक्षा व्यवस्था

फैसले के बाद, ढाका में सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया है। सेना और पुलिस की संयुक्त तैनाती सड़कों, सरकारी दफ्तरों और अदालत परिसर के आसपास की गई है। कई स्थानों पर कर्फ्यू जैसे हालात हैं, और सरकार किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए प्रशासन को सतर्क रखे हुए है।